नई दिल्ली । सरकारी बैंकों से 9 हजार करोड़ रुपए से अधिक का उधार लेकर देश से भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को कब भारत में लाया जाएगा? लंबे समय से लोग इस सवाल का जवाब पाने को उत्सुक हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी के प्रत्यर्पण को लेकर चल रही गोपनीय कानून प्रक्रिया पर केंद्र सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। केंद्र सरकार से छह सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है।
केंद्र सरकार ने 5 अक्टूबर को सर्वोच्च अदालत से कहा था कि माल्या को तब तक भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है कि जब तक एक ब्रिटेन में अलग 'गोपनीय' कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है। जो कि प्रकृति में न्यायिक और गोपनीय है।;केंद्र ने 5 अक्टूबर को न्यायालय को बताया था कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का उस समय तक भारत प्रत्यर्पण नहीं हो सकता जब तक ब्रिटेन में चल रही एक अलग 'गोपनीय कानूनी प्रक्रिया का समाधान नहीं हो जाता।
केंद्र ने कहा था कि उसे ब्रिटेन में विजय माल्या के खिलाफ चल रही इस गोपनीय कार्यवाही की जानकारी नहीं है। सरकार का कहना था ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण की कार्यवाही को बरकरार रखा है लेकिन अभी ऐसा नहीं हो रहा है।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले माल्या की 2017 की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए उसे 5 अक्टूबर को न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने विजय माल्या को अदालत के आदेशों का उल्लंघन करके अपने बच्चों के खातों में चार करोड़ अमेरिकी डॉलर हस्तांतरित करने के मामले में 2017 में उसे अवमानना का दोषी ठहराया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़ा कारोबारी के प्रत्यर्पण पर केंद्र सरकार से मांगी रिपोर्ट