लखनऊ। हाथ्ररस कांड की जांच को लेकर यूपी सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जानकारी के अनुसार, एसआईटी की रिपोर्ट में पुलिस और अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। गृह सचिव भगवान स्वरूप ने रिपोर्ट शासन को सौंपी है। एसआईटी ने घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई और जिले में उपजे हालात की छानबीन की है। एसआईटी ने इस घटना से जुड़े सभी लोगों के बयान दर्ज किए हैं। गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में 3 सदस्यी एसआईटी में डीआईजी चंद्रप्रकाश और पीएसी आगरा की सेनानायक पूनम शामिल थे।
दूसरी तरफ मामले की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाथरस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। साथ ही जिलाधिकारी (डीएम) प्रवीण कुमार लक्षकार के खिलाफ सरकार द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर चिंता जाहिर की है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 25 नवंबर नियत करते हुए उसी दिन सीबीआई से जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है। राज्य सरकार ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वो डीएम के मुद्दे पर 25 नवंबर तक कोई फैसला लेगी। हाथरस मामले कि पीड़िता का कथित रूप से जबरन अंतिम संस्कार करने के मुद्दे का स्वत: संज्ञान लेने वाली जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस राजन रॉय की पीठ ने मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
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हाथरस कांड में एसआईटी ने सौंपी रिपोर्ट, पुलिस और अफसरों की भूमिका पर उठाए सवाल -इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले में आदेश सुरक्षित रखा, अगली सुनवाई 25 नवंबर को