पटना । उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा को समर्थन देने की बात कही और बाद में उस पर सफाई भी दे दी। पर कांग्रेस को बसपा सुप्रीमो के इस बयान से काफी उम्मीद है। पार्टी मानती है कि मायावती का यह बयान उन्हें अगले कई चुनावों पर असर डालेगा। क्योंकि, उन्होंने खुद भाजपा का साथ देने की बात की है। बिहार के सीमांचल और मध्य प्रदेश के उपचुनावों में पार्टी को बसपा सुप्रीमो मायावती के इस बयान से कुछ लाभ मिलने की उम्मीद है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि मायावती के इस बयान से सीमांचल में एआईएमआईएम से होने वाला नुकसान कुछ हद तक कम हो सकता है। क्योंकि, सीमांचल की कई सीट पर मुसलिम मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है और एआईएमआईएम ने भी मुसलिम उम्मीदवार दिए है। इससे वोट विभाजित हो सकता है। बसपा बिहार में गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। इस गठबंधन में एआईएमआईएम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल है, बसपा सुप्रीमो मायावती के इस बयान पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी खामोश है। इसी चुप्पी को कांग्रेस प्रचार में मुद्दा बना रही है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि इसका फायदा सिर्फ बिहार नहीं, बल्कि महाराष्ट्र और यूपी चुनाव में भी मिल सकता है। क्योंकि, एआईएमआईएम यूपी चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करती रही है। यूपी विधानसभा के वर्ष 2017 के चुनाव में एआईएमआईएम ने 38 सीट पर उम्मीदवार खड़े किए थे। हालांकि, एआईएमआईएम को कोई सीट नहीं मिली, पर कई सीट पर कांग्रेस को नुकसान जरूर हुआ। पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि इस पूरे मामले से यह साफ हो गया है कि एआईएमआईएम भाजपा विरोधी वोट में सेंध लगाने के लिए चुनाव लड़ती है। क्योंकि, बिहार में गठबंधन के बाद बसपा और एआईएमआईएम यूपी में भी गठबंधन कर सकती हैं।
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बीएसपी सुप्रीमो के बयान से कांग्रेस को सियासी लाभ की उम्मीद