नई दिल्ली । उत्तरी दिल्ली नगर निगम के क्षेत्राधिकार में बिना लाइसेंस के घोड़ा-बग्गी दौड़ाने वाले मालिक सावधान हो जाएं। लाइसेंस न होने पर घोड़ा-बग्गी मालिकों से अब दोगुना जुर्माना वसूला जाएगा। इसके साथ ही लाइेंसस का नवीनीकरण शुल्क भी दोगुना कर दिया गया है। इससे पहले निगम जुर्माना राशि पांच हजार रुपये वसूलता था उसे अब बढ़ाकर सीधे दस हजार रुपये कर दिया गया है। उत्तरी निगम सदन की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। जानकारी के मुताबिक, उत्तरी दिल्ली निगम ने वेटरनरी ट्रेड लाइसेंस शुल्कों में संशोधन किया है। दिल्ली नगर निगम की धारा 136 तथा 137 के तहत घोड़ा-बग्गी तथा घोड़ा गाड़ी का पंजीकरण और लाइसेंस आवश्यक है। बताया गया कि वर्ष 2015 से घोड़ा-बग्गी, घोड़ा-गाड़ी, डेयरी लाइसेंस, मीट ट्रेड लाइसेंस तथा पशुओं का अवैध रूप से वध करने के प्रति जुर्माना राशि में संशोधन नहीं किया गया था, लेकिन अब लाइसेंस शुल्क, जुर्माना राशि और लाइसेंस के नवीनीकरण शुल्क में दोगुना वृद्धि की गई है। बग्गी के साथ घोड़े का लाइसेंस शुल्क जहां पहले 1152 रुपये था अब 1500 रुपये प्रति घोड़ा-बग्गी वसूला जाएगा। घोड़ा-बग्गी के लाइसेंस का नवीनीकरण शुल्क 252 रुपये से 500 प्रति घोड़ा-बग्गी लिया जाएगा।वेटरनरी विभाग के अधिकारियों का कहना है गाड़ी को खींचने में उपयोग घोड़ा या घोड़ी के लिए लाइसेंस शुल्क जो पहले 480 रुपये लिया जाता था अब 600 रुपये प्रति घोड़ा-बग्गी वसूला जाएगा। लाइसेंस का नवीनीकरण शुल्क 180 रुपये की बजाय 300 रुपये होगा। जहां पहले बगैर लाइसेंस के घोड़ा-बग्गी चलाने का जुर्माना 5000 रुपये था अब उसे सीधे दस हजार रुपये प्रति घोड़ा-बग्गी कर दिया गया है। महापौर जयप्रकाश ने बताया गया कि उत्तरी निगम अपने आय के स्रोत बढ़ाने के लिए विकल्प तलाश रहा है। यह कर भी उन्हीं विकल्पों में से एक है।
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घोड़ा-बग्गी का लाइसेंस न होने पर देना होगा दोगुना जुर्माना