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युवराजों का डर और दो माताओं की दुहाई दे गए पीएम

युवराजों का डर और दो माताओं की दुहाई दे गए पीएम

पटना । दो युवराजों का डर और दो माताओं की दुहाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहरसा और अररिया में जब लोगों से मुखातिब थे, राज्य के बाकी हिस्सों में दूसरे चरण का मतदान हो रहा था। प्रधानमंत्री का यह दुक्का तुक्का नहीं यूं ही नहीं था। सुनियोजित तरीके से प्रधानमंत्री ने बिहार की तारीफ की। बिहार को तारीफ के लायक बनने की वजह 15 साल के सुशासन को बताया और उससे भी पीछे के 15 साल को जंगल राज-जंगलराज कहते हुए उसका डर दिखाया। दो युवराजों से उनका इशारा राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की तरफ था। राष्ट्रवाद के नाम पर भारत माता और बिहारवाद के नाम पर छठी मैया का जिक्र करते हुए पीएम लोकल पर वोकल हुए। आखिर में प्रधानमंत्री ने एनडीए के पक्ष में मतदान की अपील की।  गरीब, किसान, मजदूर, माताएं, बहनें, बेटे-बेटियां पीएम की जुबान पर आए। साथ में आया कोसी का मखाना, सीमांचल का केला, किशनगंज का अनानास और दुर्दिन में चल रही जूट की खेती। कृषि उत्पादों पर आधारित उद्योग लगाने और उसे बाजार देने के दशकों पुराने वादे भी प्रधानमंत्री ने कर दिए। जेपी आंदोलन के बाद कांग्रेस की सरकार गिराने और 15 साल के लालू राज के बाद भाजपा-जदयू को सत्ता सौंपने वाली बिहार की जनता से उन्होंने वापस मुड़कर नहीं देखने की अपील की। इसीलिए कांग्रेस के राहुल गांधी व राजद के तेजस्वी को उन्होंने डबल-डबल युवराज कहा। कांग्रेस पर तंज कसा, दोनों सदन मिलाकर भी इनके पास सौ सीट नहीं हैं। कोसी-सीमांचल की बाढ़ पर बिना कुछ बोले पीएम ने युवाओं पर फोकस करते हुए कुल छह मिनट खर्च किए। युवा वोटरों को रोजगार और नौकरी देने का दावा कर रहे तेजस्वी यादव की बातों में युवा न आ जाएं, इस बात की चिंता देश के मुखिया में झलकी। नौकरियों से इतर आत्मनिर्भर बनने की सीख वह लगातार देते रहे। कटिहार में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पीएम ने दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का दावा किया था। वादा पूरा नहीं कर पाए इसलिए बेरोजगारी बढ़ी है। सीएम से जब युवा रोजगार के बारे में पूछते हैं तो वह धमकाकर बाहर निकाल देते हैं। कोसी-सीमांचल में बाढ़ से हर साल होने वाले नुकसान का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने फूड प्रोसेसिंग यूनिट नहीं लगवाई, इस कारण मजदूरों का पलायन जारी है।  कोरोना से जीतने के नाम पर थाली बजवाई, मोबाइल का लाइट जलवाया, लेकिन बीमारी बढ़ती गई। 
 

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