नई दिल्ली । राजस्थान में एक और जहां गुर्जर आंदोलन को लेकर अभी तक कोई हल निकलता नहीं नजर आ रही हैं। वहीं, दूसरी ओर जाटों ने भी सरकार को जल्द ही आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दे डाली है। बता दें, गुर्जर समुदाय के लोग पिछले पांच दिनों से आंदोलन कर रहे हैं और राज्य सरकार से आरक्षण को लेकर भी मांग कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक प्रशासन इसका कोई हल नहीं निकाल पाया है। ऐसे में जाटों द्वारा आंदोलन की घोषणा से राज्य सरकार सकते में आ गई है। भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने मीडिया से बातचीत करते हुए राज्य सरकार पर वादा नहीं निभाने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 2017 में हुए जाट आंदोलन समझौता वार्ता के दौरान सरकार ने वादा किया था कि भरतपुर धौलपुर जिलों के जाटों को ओबीसी वर्ग में केंद्र में आरक्षण दिलाने के लिए सिफारिश चिट्ठी लिखेगी। आंदोलनकारियों पर लगे मुकदमों को वापस लिया जाएगा। साथ ही चुने गए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी, मगर दो साल होने के बाद भी कोई भी विदा पूरा नहीं हो सका है, लिहाजा मजबूरी वश आंदोलन का रास्ता चुनना पड़ रहा है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जल्द ही जाट नेता मिटिंग करके आंदोलन की रणनीति बना सकते हैं। इसके लिए पहली पंचायत आगामी 18 नवंबर को गांव पथैना में आयोजित होगी। उसके बाद कई बड़े गांव में पंचायत आयोजित होगी। साथ ही आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। जाट नेताओं का कहना है कि सरकार को चाहिए कि वो हमारी मांगों की ओर ध्यान दें, ताकि समाज के लोगों का रोष उनके प्रति ना बढ़ता दिखाई दे।
रीजनल नार्थ
गुर्जर आंदोलन के बाद अब जाटों ने दी आंदोलन की चेतावनी