YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

आरोग्य

शोध में खुलासा, डिस्पोजेबल पेपर कप में चाय या कॉफी पीना हानिकारक 

शोध में खुलासा, डिस्पोजेबल पेपर कप में चाय या कॉफी पीना हानिकारक 

नई दिल्ली । प्लास्टिक के कप में चाय पीना शरीर के लिए ठीक नहीं है, इसकी जानकारी सभी को हैं। लेकिन डिस्पोजेबल पेपर कप में चाय या कॉफी पीना भी हानिकारक है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने हाल में किए एक शोध में इसकी पुष्टि की है। शोध में कहा गया कि डिस्पोजेबल पेपर कप में चाय और काफी पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरनाक है क्योंकि पेपर के अंदर प्रयुक्त सामग्री में सूक्ष्म-प्लास्टिक और अन्य खतरनाक घटकों की उपस्थिति होती है। देश में पहली बार किए गए अपनी तरह के इस शोध में शोधकर्ता ने बताया कि 15 मिनट के भीतर यह सूक्ष्म प्लास्टिक की परत गर्म पानी या अन्य पेय की प्रतिक्रिया में पिघल जाती है। 
हमारे अध्ययन के अनुसार एक पेपर कप में रखा 100 मिलीलीटर गर्म तरल पदार्थ 25,000 माइक्रोन-आकार (10 माइक्रोन से 1000 माइक्रोन) के सूक्ष्म प्लास्टिक के कण छोड़ता है और यह प्रक्रिया कुल 15 मिनट में पूरी हो जाती है। इस प्रकार यदि एक औसत व्यक्ति प्रतिदिन तीन कप चाय या कॉफी पीता है,तब वहां मानव आंखों के लिए अदृश्य 75,000 छोटे सूक्ष्म प्लास्टिक के कणों को निगलता है। 15 मिनट का समय तय होने के बारे में बताते हुए सर्वेक्षण में बताया कि चाय या कॉफी को कप में डाले जाने के 15 मिनट के भीतर उन्होंने इस पी लिया था। इसी बात को आधार बनाकर यह शोध समय तय किया गया। 
सर्वेक्षण के परिणाम के अलावा, यह देखा गया कि इस अवधि में पेय अपने परिवेश के तापमान के अनुरूप हो गया। ये सूक्ष्म प्लास्टिक आयन जहरीली भारी धातुओं जैसे पैलेडियम, क्रोमियम और कैडमियम जैसे कार्बनिक यौगिकों और कार्बनिक यौगिकों, जो प्राकृतिक रूप से जल में घुलनशील नहीं हैं में, समान रूप से, वाहक के रूप में कार्य कर सकते हैं। जब यह मानव शरीर में पहुंच जाते हैं,तब स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकते हैं। शोध से साबित होता है कि किसी भी अन्य उत्पाद के इस्तेमाल को बढ़ावा देने से पहले यह देखना जरूरी है कि वह उत्पाद पर्यावरण के लिए प्रदूषक और जैविक दृष्टि से खतरनाक न हों । शोधकर्ताओं ने बताया कि प्लास्टिक और शीशे से बने उत्पादों को डिस्पोजेबल पेपर उत्पादों से बदलने में जल्दबाजी की थी,जबकि जरूरत इसकी थी कि हम पर्यावरण अनुकूल उत्पादों की तलाश करें। 
 

Related Posts