नई दिल्ली । कैंसर रोगी के शरीर में कोविड-19 का 105 दिन तक रह सकता है। सेल पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में यह दावा किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि इन मरीजों के शरीर में संक्रमण के कोई लक्षण भी नहीं दिखते जो कि वायरस के खतरनाक रूप को बताता है। यानी कैंसर रोगियों पर यह वायरस छुपकर हमला करता है। अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है। महामारी विशेषज्ञ व शोधकर्ता विंसेंट मुंस्टर ने कहा कि जिस समय हमने यह अध्ययन शुरू किया था, हम वास्तव में वायरस की अवधि के बारे में ज्यादा नहीं जानते थे। शोध में उन्होंने पाया कि चूंकि यह वायरस लगातार अपनी संख्या बढ़ाता रहता है इस कारण ऐसे लोग ज्यादा समय तक संक्रमित रहेंगे जो इम्युनोसुप्रेसिंग विकारों से ग्रस्त हैं। इस विकास का मतलब प्रतिरक्षा तंत्र की बी व टी कोशिकाओं के कमजोर पड़ने से है जो शरीर को बाहरी हमले से बचाती हैं। शोध में पाया गया कि ब्लड कैंसर से ग्रस्त एक महिला को कोरोना वायरस हुआ, जिसके शरीर में यह 105 तक दिन तक मौजूद रहा। इस मरीज के शरीर में 70 दिन तक इतना अधिक संक्रमण था कि वह दूसरे को संक्रमित कर सकती थी। इस पूरी अवधि में उसके शरीर में कोरोना वायरस का एक भी लक्षण नहीं नजर आया। शोध में दूसरे कैंसर मरीजों में भी यही स्थिति दिखी।
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रिसर्च में दावा कैंसर के मरीज में सौ दिन तक रह सकता कोरोना