लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू रहने के बावजूद स्ट्रेस्ड ऐसेट्स के रेजॉलुशन के लिए रिजर्व बैंक की ओर से संशोधित दिशानिर्देश जारी करने पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। सूत्रों के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक ऐसी संपत्तियों के लिए संशोधित गाइडलाइंस 23 मई से पहले जारी कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले लोन डिफॉल्ट पर 12 फरवरी, 2018 के रिजर्व बैंक के सर्कुलर को रद्द कर दिया था। उसके बाद से वह नई गाइडलाइंस लाने पर काम कर रहा है। ये गाइडलाइंस जल्द ही आ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसी महीने रिजर्व बैंक के 2,000 करोड़ रुपए से अधिक के कर्जदारों की दबाव वाली संपत्तियों की पहचान और उनके समाधान संबंधी सर्कुलर को केंद्रीय बैंक के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताते हुए इसे रद्द कर दिया था। रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा आदर्श आचार संहिता के दायरे में नहीं आती। अगर रिजर्व बैंक संशोधित गाइडलाइंस जारी करता है तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। केंद्रीय बैंक लोन डिफॉल्ट पर नया सर्कुलर लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ला सकता है। रिजर्व बैंक के 12 फरवरी के सर्कुलर के अनुसार यदि किसी एनपीए खाते का निपटान 180 दिन के भीतर नहीं होता है तो बैंकों को उसे एक दिन की भी देरी किए बिना दिवाला प्रक्रिया के लिए भेजना होगा। यह निर्देश उन खातों के लिए दिया गया था जिनमें कम-से-कम 2,000 करोड़ रुपए का बकाया है।