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जोसेफ आर बाइडन - कमला हैरिस का अमेरिका में राज! 

जोसेफ आर बाइडन - कमला हैरिस का अमेरिका में राज! 

अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति डेमोक्रेटिक पार्टी के जोसेफ आर बाइडन चुने गए।जबकि उपराष्ट्रपति बनी भारतीय मूल की कमला हैरिस ।चुनावी नतीजों के बाद बाइडन ने कहा, 'मैं एक ऐसा राष्ट्रपति बना हूं, जो लोगो को बांटेगा नहीं, बल्कि उन्हें एकजुट करेगा।' कमला हैरिस के शब्दों में, 'अमेरिकी नागरिकों ने एक नए दिन की शुरुआत की है। अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति पद के लिए मिले अब तक के सबसे अधिक वोटों से बाइडन जीते हैं। बाइडन को 7.4 करोड़ लोगो ने वोट दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका और भारत के बीच आने वाले समय में और अच्छे संबंधों की उम्मीद जताई है।  डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से बाइडन ने 290 इलेक्टोरल वोट हासिल किए वहीं, उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को 214 वोट मिले। इसके साथ ही 3 नवंबर को चुनाव के बाद शुरू हुई गहमागहमी समाप्त हो गई। 77 साल के बिडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हैं। 4 दिन चली काउंटिंग के बाद बाइडेन के नाम पर मुहर लगी।इस चुनाव में साल 1900 के बाद सबसे अधिक वोट पड़े ।अपनी
जीत पर बाइडेन बोले, 'हमारी राजनीति का मकसद राष्ट्र के लिए काम करना है ।हमें याद रखना है कि हमारी राजनीति बेदर्द और खत्म न होने वाली लड़ाई नहीं है। हमारी राजनीति का मकसद राष्ट्र के लिए काम करना है। टकराव को भड़काना नहीं है, बल्कि समस्याओं का समाधान करना है। न्याय की गारंटी देना है। सबको समान अधिकार देने हैं। हमारे लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना है। हम प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं लेकिन, हम दुश्मन नहीं हैं।'
अमेरिका के उपराष्ट्रपति रह चुके बाइडन अमेरिका के इतिहास में सबसे युवा सीनेटरों में से एक रहे हैं। वहीं, 77 साल के बाइडन अब अमेरिकी इतिहास के सबसे अधिक आयु वाले राष्ट्रपति भी बन गए हैं। बाइडन का जन्म 20 नवंबर 1942 को पेंसिल्वेनिया के स्क्रैंटन में हुआ था। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में 2009 से 2017 तक अमेरिका के 47वें उपराष्ट्रपति का दायित्व भी सम्भाला। बाइडेन का जन्म नवंबर 1942 में हुआ था, तब भारत में 'अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन' चल रहा था। जो बाइडेन बराक ओबामा के पूर्व उपाध्यक्ष रहे हैं और 2020 के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हैं। बाइडेन सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लॉ के स्नातक हैं, स्नातक करने के एक साल बाद डेलावेयर बार परीक्षा पास की है। उन्होंने काउंटी परिषद के लिए काफी अभ्यास किया। अमेरिकी सीनेट में रहते हुए, बाइडेन ने न्यायपालिका समिति और विदेशी संबंध समिति में सेवा की, कानून और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में एक महत्वपूर्ण अनुभव का निर्माण किया।
 बाइडेन की पहली पत्नी नेलिया बेटी नाओमी की सन1972 में कार दुर्घटना में मौत हो गई। उनके दो बेटे हैं हंटर और ब्यू। डेमोक्रेटिक राइजिंग स्टार ब्यू की 46 साल की उम्र में 2015 में ब्रेन कैंसर से मृत्यु हो गई। जो बाइडेन ने पांच साल बाद 1977 में जिल जैकब्स से शादी कर ली।
अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपित जो बाइडेन की कुल संपत्ति की बात करें तो, 2019 में जारी वित्तीय दस्तावेजों के अनुसार, बाइडेन और उनकी पत्नी की कुल कमाई 15 मिलियन यूएस डॉलर से अधिक है।
बाइडेन काफी अनुभवी हैं, बाइडेन ने अमेरिकी सीनेट में 6 कार्यकाल और उपराष्ट्रपति के रूप में दो कार्यकाल तक कार्य किया है। वैश्विक संकट के बीच, बाइडेन राष्ट्रपति ट्रम्प के पदभार ग्रहण करने से पहले सेवा में कमी के खिलाफ अपने सरकारी अनुभव का लाभ उठाना चाह रहे हैं। बाइडेन के पास आठ साल का ओबामा नीति का अनुभव भी है।बाइडन और कमला हैरिस, दोनों का ही भारत से संबंध रहा है।  दोनों के ही संबंध चेन्नई से जुड़े हुए हैं। 19वीं सदी में क्रिस्टोफर बाइडन और विलियम बाइडन ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम किया करते थे। क्रिस्टोफर और विलियम बाइडन भाई थे।  बाइडन ने सबसे पहले भारत से सम्बंध होने का दावा सन 2013 में किया था। इसके दो साल बाद उन्होंने बताया था कि वह जॉर्ज बाइडन के वंशज हैं। जॉर्ज ईस्ट इंडिया कंपनी में कैप्टन रहे। सेवानिवृत्ति के बाद जॉर्ज बाइडन ने भारत में रहने का फैसला किया था और एक भारतीय महिला से विवाह किया था।अमेरिका के इस ऐतिहासिक चुनाव में भारतीय मूल की कमला हैरिस ने भी इतिहास रचा है। हैरिस को  बाइडन ने अपना रनिंग मेट यानी उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित किया था। इस जीत के साथ ही हैरिस पहली ऐसी महिला बन गई हैं जो अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद पर आसीन होंगी। इसके साथ ही वह पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई उपराष्ट्रपति बनी।यानि कह सकते है कि किसी न किसी रूप में अमेरिका के नये शासको का भारत से सम्बंध है,इसलिए उनसे भारत के अच्छे की उम्मीद करनी चाहिए।(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं टिप्पणीकार है।) 
(लेखक-डॉ श्रीगोपाल नारसन)

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