नई दिल्ली । दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने 7 शिक्षकों को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत सुनवाई के लाए बुलवाया है। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि शिक्षकों ने ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर कई ऐसी अपमानजनक टिप्पणियां की हैं जो दिल्ली सरकार की नीतियों के खिलाफ है। निदेशालय के मुताबिक ये टिप्पणी कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के चलते दिल्ली में बनाए गए कंटेनमेंट जोन और लॉकडाउन को लेकर की गई हैं। इन टिप्पणियों पर निदेशालय के संबंधित अधिकारियों ने काफी गंभीरता से विचार करने के बाद 7 शिक्षकों को सुनवाई के लिए शिक्षा निदेशालय के कार्यालय बुलवाया है। निदेशालय द्वारा जारी सर्कूलर के मुताबिक जिन शिक्षकों को सुनवाई के लिए बुलवाया है उसमें रोहिणी स्थित सर्वोदय को-एड विद्यालय में कार्यरत हिंदी के शिक्षक संदीप कुमार भारद्वाज, सुभाष नगर स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में कार्यरत हिंदी के शिक्षक संत राम, नंद नगरी स्थित जीबीएसएस स्कूल में कार्यरत विज्ञान के शिक्षक अमित मरिची, मयूर विहार फेज-3 स्थित जीजीएसएस स्कूल में कार्यरत विज्ञान की शिक्षिका पूनम अजय पंवार, राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव, बिजवासन स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में कार्यरत विनोद कुमार यादव और सूरजमल विहार स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में कार्यरत सामाजिक विज्ञान के शिक्षक महेश चंद मित्तल शामिल हैं। बता दें कि मार्च महीने अंतिम सप्ताह में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया था। इसके बाद लगातार स्कूल के शिक्षक ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं। यह सिलसिला अब भी जारी है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में चल रही ऑनलाइन कक्षाओं के समय को लेकर काफी छात्रों अभिभावकों की तरफ से शिकायतें की जा चुकी हैं। दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने शहर के सभी सरकारी, गैर सरकारी, अनएडेड, मान्यता प्राप्त, एनडीएमसी, एमसीडी, डीसीबी और अन्य स्कूलों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी एवं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा तैयार की गई इस गाइडलाइन को फॉलो करने के निर्देश दिए हैं।इसके अनुसार ही दिल्ली में कक्षाएं चल रही हैं।
रीजनल नार्थ
अपमानजनक टिप्पणी करने पर शिक्षा निदेशालय ने व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाया