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अयोध्या में ‘दीपोत्सव’ के दौरान कोविड प्रोटोकाॅल का हो पूर्णतः पालन-योगी

अयोध्या में ‘दीपोत्सव’ के दौरान कोविड प्रोटोकाॅल का हो पूर्णतः पालन-योगी

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में ‘दीपोत्सव-2020’ के अवसर पर आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि दौरान कोविड-19 के प्रोटोकाॅल तथा सोशल डिस्टिेंसिंग का पूर्ण पालन कराने के निर्देश दिये हैं। दीपोत्सव के दौरान वर्तमान में संचालित ‘मिशन शक्ति’ अभियान के दृष्टिगत ‘दीपोत्सव-2020’ के अवसर पर मातृ शक्ति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां बताया कि 13 नवम्बर को ‘दीपोत्सव-2020’ के मुख्य मंच पर छत्तीसगढ़ की महिला कलाकारों द्वारा अभिनीत रामलीला का मंचन होगा। लखनऊ की ऐशबाग रामलीला समिति द्वारा प्रस्तुत रामलीला में कम्बन ऋषि की रामायण का शबरी प्रसंग मंचित किया जाएगा। इसके अलावा, ओजस्वी कवियत्री सुश्री कविता तिवारी काव्य पाठ करेंगी। प्रवक्ता ने बताया कि माता कौशल्या का जन्म दक्षिण कोसल प्रदेश छत्तीसगढ़ में हुआ था। इस वर्ष ‘दीपोत्सव-2020’ में छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जनपद की श्री सत्य साईं रामलीला मण्डली की महिला कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जाएगा। इस रामलीला मण्डली की यह विशेषता है कि अभिनय से लेकर संगीत, स्क्रिप्ट लेखन व निर्देशन आदि समस्त कार्य महिलाओं द्वारा किये जाते हैं। लगभग 10 वर्ष पूर्व वहां प्राचीन रामलीला की परम्परा धीरे-धीरे समाप्त हो रही थी। ऐसे में बालोद की महिलाओं ने रामलीला परम्परा को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाते हुए इसके मंचन व आयोजन की सभी जिम्मेदारियां स्वयं पर लीं।
अयोध्या में 13 नवम्बर को महिला रामलीला मण्डली द्वारा भगवान श्रीराम और कौशल्या माता का प्रसंग प्रस्तुत किया जाएगा। छत्तीसगढ़ की महिला कलाकारों की यह प्रस्तुति उत्तर प्रदेश के लिए भी प्रेरक बनेगी। मुख्यमंत्री प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रहे हैं। उनके इस संकल्प को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से मिशन शक्ति अभियान संचालित किया जा रहा है। इसके दृष्टिगत, प्रदेश की महिलाएं भी इस प्रकार की रामलीला मण्डली स्थापित करने के लिए प्रेरित होंगी। प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर भारत में श्रद्धालुजन गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस के शबरी प्रसंग से अवगत हैं। दक्षिण में कम्बन ऋषि द्वारा लिखित रामायण में शबरी प्रसंग अत्यन्त विस्तार से वर्णित है। लखनऊ की ऐशबाग रामलीला समिति द्वारा इस प्रसंग का मंचन ‘दीपोत्सव-2020’ का एक प्रमुख आकर्षण होगा। कम्बन ऋषि की रामायण के शबरी प्रसंग से रामलीला के दर्शकों को नई जानकारी प्राप्त होगी। यह मार्मिक प्रसंग उत्तर भारत की रामलीलाओं में मंचित नहीं होता है। प्रवक्ता ने यह भी जानकारी दी कि लखनऊ की ओजस्वी कवियत्री सुश्री कविता तिवारी भगवान श्रीराम तथा श्रीराम जन्मभूमि पर आधारित अपनी स्वागत कविता का पाठ करेंगी।
 

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