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 चिराग ने डेढ़ दर्जन सीटों पर जेडीयू को पहुंचाया नुकसान, लोजपा के कारण हारे मुकेश साहनी

 चिराग ने डेढ़ दर्जन सीटों पर जेडीयू को पहुंचाया नुकसान, लोजपा के कारण हारे मुकेश साहनी

पटना । बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे देर रात तक चली मतगणना के बाद आखिरकार जारी कर दिए गए हैं। एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला है। हालांकि, इस बार राजग में भाजपा जदयू के बड़े भाई की भूमिका में आ गई है। उसे जदयू से बहुत ज्यादा सीटें मिली हैं। पिछले दो दशक से बिहार एनडीए में जदयू बड़े भाई की भूमिका में थी। लेकिन इस बार जदयू को लोजपा के कारण कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। 
लोजपा को भले ही एक सीट से संतोष करना पड़ा हो, उसने कई सीटों पर जदयू के विजय रथ को रोकने में अहम भूमिका निभाई है। यदि उन सीटों को लोजपा जदयू के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारती, तो उसकी जीत भी हो सकती थी। लोजपा ने इस बार का विधानसभा चुनाव एनडीए से अलग होकर लड़ा। उसने भाजपा को छोड़कर अन्य सभी दलों के खिलाफ प्रत्याशी उतारे थे। ऐसे में लोजपा ने जदयू को डेढ़ दर्जन सीटों पर नुकसान पहुंचाया, वहीं चार सीटों पर वीआईपी और एक सीट पर हम को भी क्षति पहुंचाई। लोजपा एक सीट मटिहानी जीती है, जहां उसने जदयू को ही हराया है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो एकमा विधानसभा सीट पर जदयू उम्मीदवार सीता देवी को राजद के श्रीकांत यादव से करीब 14 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा। वहीं, इसी सीट पर लोजपा उम्मीदवार कामेश्वर सिंह मुन्ना को करीब 30 हजार वोट मिले हैं। यदि लोजपा का प्रत्याशी यहां पर नहीं होता तो जदयू को जीत मिल सकती थी। इसी तरह दिनारा से लोजपा उम्मीदवार राजेंद्र सिंह दूसरे स्थान पर रहे और राजद को जीत मिली। यहां जदयू तीसरे नंबर पर चला गया। 
इसी तरह कई ऐसी सीटें हैं, जहां पर लोजपा के कारण जदयू को हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह सिमरी बख्तियारपुर से वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को करीब दो हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा। यहां पर लोजपा उम्मीदवार को सात हजार मत मिले हैं। इसके अलावा सुगौली में लोजपा को 24 हजार वोट मिले और वहां वीआईपी की 3447 वोटों से हार हुई। इसी तरह मधुबनी और ब्रह्मपुर से लोजपा उम्मीदवार को मिले वोट से वीआईपी की हार हुई हैं।
 

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