शिमला। अपने फैसले से हिमाचल सरकार एक बार फिर पलटी है। सरकार ने टैक्स पेयर्स को आटा-चावल पर दी जाने वाली सब्सिडी बहाल कर दी है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया था कि प्रदेश में आयकरदाताओं को खाद्यान्नों पर मिलने वाली सब्सिडी बंद कर दी जाएगी, लेकिन अब सरकार ने फैसला लिया है कि आयकर दाताओं को पूर्व की तरह आटा तथा चावल रियायती दरों पर मिलता रहेगा। विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि ऐसे परिवारों को राज्य अनुदानित योजना के तहत दाल, तेल, नमक व चीनी बिना अनुदान के पूर्ण लागत मूल्य पर मिलते रहेंगे। अब आयकरदाता डिपो से मिलने वाले सस्ता आटा और चावल ले सकते हैं। इन्हें अब एपीएल वालों को मिलने वाले रेट पर ही चावल 10 रुपये और आटा 9 रुपये के हिसाब से मिलेगा।
हिमाचल में कुल साढ़े 18 लाख राशनकार्ड वाले हैं, जिनमें 10 लाख के करीब एपीएल और साढ़े 5 बीपीएल और अन्य आयकरदाता हैं। कैबिनेट ने आयकरदाताओं को सब्सिडी पर राशन देना बंद कर दिया था। अब इन्हें नो प्रॉफिट, नो लॉस पर राशन देने का फैसला लिया है। खाद्य आपूर्ति निगम को थोक में सरसों तेल 125 से 130 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। सब्सिडी देकर उपभोक्ताओं को यह तेल 103 रुपये में दिया जा रहा है। मार्केट में तेल 140 से 150 रुपये लीटर मिलता है। इसी तरह दालों के दाम भी मार्केट में 90 रुपये प्रति किलो से अधिक हैं। हिमाचल सरकार ने प्रदेश के हर उपभोक्ता को दिवाली के अवसर पर 100 ग्राम अतिरिक्त चीनी देने की घोषणा की है। हालांकि, सरकार के इस फैसले की किरकिरी हो रही है। विपक्ष ने सरकार के फैसले का विरोध किया है। साथ ही सोशल मीडिया पर फैसले का लोगों ने जमकर मजाक भी उड़ाया है
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हिमाचल में 3 लाख टैक्स पेयर्स को दोबारा मिलेगा सस्ता आटा-चावल -पहले लिया था खाद्यान्नों पर मिलने वाली सब्सिडी बंद करने का फैसला