मुंबई, । विश्व के कई देशों में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आ गई है। महाराष्ट्र में भी आगे साल जनवरी-फरवरी महीने में कोरोना की दूसरी लहर आने की संभावना स्वास्थ्य सेवा निदेशालय विभाग ने जताई है। इस संभावना के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने की तैयारी में जुट गया है। बेड से लेकर अन्य साधनों की व्यवस्था की जा रही है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि कोरोना को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने टेस्टिंग से लेकर मास्क की कीमत तक को किफायती बनाया है। लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजेशन का पालन अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर आती है तो कोविड-१९ संक्रमित मरीजों के लिए उपलब्ध कुल बेड में से ८० प्रतिशत बेड खाली हैं। वहीं मुंबई में ६८ प्रतिशत बेड खाली हैं। इसलिए बेड की कमी नहीं होगी। गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में एक समय ऐसा आया था, जब २५ हजार कोरोना संक्रमित मरीज रोज बढ़ रहे थे। यदि मान लिया जाए कि कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या उससे १०-२० फीसदी बढ़ भी जाती है, तो भी इससे निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह तैयार हैं। राज्य सरकार इसके लिए जरूरी बेड, डॉक्टर, नर्सें और अन्य साधनों की व्यवस्था करने में जुटी है। दवाओं का स्टॉक करने को कहा गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रवि वानखेडकर भी मानते हैं कि महाराष्ट्र के कोविड सेंटर और अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छी हो रही है। कई स्थानों पर लिक्विड ऑक्सीजन के प्लांट भी लग गए हैं। इसके अलावा पर्याप्त वेंटिलेटर भी हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डॉक्टर, अस्पताल और मेडिकल स्टाफ को अब अच्छी तरह से समझ में आ गया है कि कोरोना के मरीजों का मैनेजमेंट किस तरह से करना चाहिए। उधर स्वास्थ्य निदेशालय ने किराना दुकानदार, साग-सब्जी एवं दूध विक्रेता, घरों में पेपर पहुंचाने वाले वेंडर, गैस सिलेंडर पहुंचाने वाले कर्मचारी, काम करने वाले नौकर-नौकरानी, होटलों के मालिक व उनके वेटर, ऑटो रिक्शा एवं टैक्सी चालकों, सिक्युरिटी गार्ड व मजदूरों की टेस्टिंग जारी रखने का निर्देश दिया है।
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महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर से निपटने को तैयार स्वास्थ्य विभाग