नई दिल्ली । दिल्ली सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। दिल्ली में जिन इलाकों में सबसे अधिक कोरोना केस आ रहे हैं वहां इलाके में रह रहे लोगों की तेजी से जांच करने के लिए मोबाइल वैन की तैनाती की जाएगी। दिल्ली सरकार के इस काम में केंद्र सरकार मदद करेगी। फिलहाल दिल्ली सरकार ने कोविड संक्रमण के लिहाज से हाई रिस्क कॉलोनियों को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है। संक्रमण को कम करने के लिए दिल्ली में अब केंद्र, दिल्ली सरकार और निगम की संयुक्त टीम काम करेगी। यह टीम हाई रिस्क इलाके में जाकर घर-घर सर्वे करेगी। उसके बाद किसी भी संदिग्ध, हाई रिस्क समूह के लोगों की कोरोना जांच की जाएगी। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो दिल्ली में हाई रिस्क इलाकों को चिन्हित करने के लिए सक्रिय कंटेनमेंट जोन के साथ सिरो सर्वे की रिपोर्ट को भी आधार बनाया जाएगा। दिल्ली में अभी 4430 से अधिक कंटेनमेंट जोन हैं। दक्षिणी दिल्ली से सटे इलाके इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। दक्षिणी पश्चिमी में जहां 740 कंटेनमेंट जोन हैं वहीं दक्षिणी दिल्ली में 700 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं। कंटेनमेंट जोन की जिलेवार सूची देखें तो दिल्ली में अभी 20 से अधिक इलाके ऐसे हैं जहां एक ही इलाके में 20 से लेकर 90 से अधिक तक कंटेनमेंट जोन हैं। इससे यह पता लगता है कि यहां पर कंटेनमेंट जोन बनाए जाने के बाद भी संक्रमण बढ़ रहा है। कंटेनमेंट जोन की सूची पर नजर डालें तो दिल्ली में 20 या उससे अधिक कंटेनमेंट जोन वाले जो भी इलाके हैं वहां अनधिकृत या कच्ची कॉलोनी हैं या ऐसे इलाके हैं जहां घनी आबादी है। इसके चलते वहां कंटेनमेंट जोन बनाए जाने के बाद भी संक्रमण बढ़ रहा है। बुराड़ी जैसे इलाके में 94 से अधिक कंटेनमेंट जोन हैं, इसी तरह दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी में 70, बदरपुर में 51, महरौली में 37, छतरपुर में 31 से अधिक कंटेनमेंट जोन हैं। सरकार अब ऐसे ही इलाकों में घर-घर सर्वे करके सभी संदिग्ध की जांच करेगी। आईसीएमआर की निगरानी में वहां पर मोबाइल वैन की जरिए जांच की जाएगी।
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दिल्ली : हाई रिस्क कॉलोनियों में जांच को मोबाइल वैन तैनात होंगी