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 मानव शरीर के मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है कोरोना का वायरस

 मानव शरीर के मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है कोरोना का वायरस

वॉशिंगटन । सन 2019 के आखिरी माह दिसंबर में सामने आए कोरोना वायरस से अब तक लाखों लोगों की मौत हो चुकी है और करोड़ों लोग इसका शिकार हो चुके हैं, लेकिन अब भी इससे जुड़ी कई नई जानकारियां लगातार सामने आ रही हैं। इस संक्रमण की पहचान के लिए अब एक और लक्षण को जोड़ा गया है। हाल ही में किए गए अध्ययन में दावा किया गया है कि कोविड मानव शरीर के मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे बहुत दर्द होता है। मांसपेशियों में दर्द (मायलजिया) भी कोरोना का संभावित लक्षण हो सकता है। यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि वायरल संक्रमण कोरोना और इन्फ्लूएंजा के रोगियों में एक सामान्य लक्षण के रूप में मायलजिया भी हो सकता है। मायलजिया या मांसपेशियों में दर्द एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रोगी को लिगामेंट्स, टेंडन्स और फेसिया में दर्द महसूस हो सकता है। इसके जरिए हमारे शरीर की सॉफ्ट टिशूज मसल्स, बोन्स और ऑर्गन से जुड़ते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन में कोरोना संक्रमण के 55,924 मामलों में से 14.8 प्रतिशत रोगियों को मायलजिया की शिकायत थी। 
हालांकि कोरोना के सामान्य लक्षणों से जूझने वालों की संख्या अभी भी ज्यादा है लेकिन मायलजिया की शिकायत भी पाई जा रही है। यह लक्षण सर्दी के मौसम में ज्यादा पाया जाने की आशंका है। फिलहाल बुखार, सूखी खांसी, गले में खराश, नाक बहना, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ कोरोना के मुख्य लक्षणों में से एक है। अध्ययन में कहा गया है कि इसके अलावा कुछ और लक्षण भी हैं जिनकी ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। बताया गया कि इसमें पेट दर्द ब्रेन फॉग या कन्फ्यूजन, आई इंफेक्शन शामिल है। गौरतलब है कि अब तक दुनिया में कोरोना के 5,50,21,938 मामले पाए जा चुके हैं, जिसमें से 13,27,228 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं अब तक 35,34,9444 लोग ठीक हो चुके हैं। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार अमेरिका में 11,202,980, भारत में 8,873,541 और ब्राजील में 5,876,464 कोरोना के मामले हैं। ये क्रमशः कोरोना के मामलों में दुनिया के शीर्ष तीन देश हैं।

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