अमेरिका ने कंपनियों को चीन के विवादित शिनजिआंग प्रांत में कारोबार करने को लेकर सावधान किया है। अमेरिका ने शिनजिआंग प्रांत में मुस्लिमों को व्यापक स्तर पर सुधार शिविरों में यातनाएं देने की खबरों को लेकर कंपनियों को सावधान किया है। अमेरिका के विदेशमंत्री माइक पॉम्पिओ ने कारोबार जगत में कहा कि अमेरिकी कंपनियों को शिनजिआंग में कारोबार करने से पहले दो बार सोचना चाहिए। उन्होंने कहा,हम शिजनिआंग में व्यापक स्तर पर मानवाधिकार का उल्लंघन होते देख रहे हैं जहां लाखों लोगों को शिविरों में रखा गया है। यह 1930 के दशक में जर्मनी में हुए मानवाधिकार संकट की तरह बड़े स्तर का है। उन्होंने कहा, और हम देखते हैं कि अमेरिकी कंपनियां और उनकी प्रौद्योगिकी चीन सरकार की इन हरकतों को अमल में लाने में मदद कर रही हैं। यह ऐसा विषय है जिसपर सोचा जाना चाहिये। पॉम्पिओ का यह बयान उस समय आया है जब माइक्रोसॉफ्ट को कृत्रिम मेधा पर चीन सरकार से जुड़े शोधकर्ताओं के साथ मिलकर शोध करने को लेकर जांच का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा कहा जाता है कि चीन की सरकार शिनजिआंग में माइक्रोसॉफ्ट की चेहरा पहचानने वाली तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। इससे पहले फरवरी महीने में अमेरिका की एक कंपनी थर्मो फिशर ने शिनजिआंग में उइगुर मुसलमानों के डीएनए का डेटाबेस तैयार करने में इस्तेमाल हो रहे अपने उपकरण की बिक्री बंद करने की घोषणा की थी।