मुंबई। बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने टैलेंट के दम पर इंडस्ट्री में अलग जगह बनाई है। वहीं अभिनय के साथ-साथ बॉलीवुड इंडस्ट्री के बारे में भी वो काफी अलग राय रखते हैं। हाल ही में उन्होंने हिंदी सिनेमा के बारे में बात करते हुए बताया कि बंग्ला फिल्मों के एक्टर सौमित्र चटर्जी जैसे दिग्गजों को देखकर उन्हें एहसास होता है कि अभी उन्हें बहुत कुछ करना है। नवाज ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने कई रीजनल फिल्में देखी हैं। इसके बाद उन्हें रीजनल टैलेंट के बारे में पता चला। उन्होंने बताया कि कॉमर्शियल सिनेमा से जुड़े मिथ के कारण बुरा असर पड़ रहा है।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा- 'बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और असम जैसी जगहों में कितना टैलेंट है, उन्हें लगता है कि हिंदी सिनेमा में ही सूरज निकलता है और वहीं डूब जाता है। कॉमर्शियल सिनेमा में फैलाया जा रहा ये झूठ हिंदी सिनेमा के टैलेंट को खत्म कर रहा है। जब आप सौमित्र चटर्जी और कमल हासन जैसे एक्टर्स को देखते हैं तो उनका वेट हर किरदार में नजर आता है, वो जब कोई किरदार निभाते हैं तो खुद को भूल जाते हैं। मैं ये अपने किरदारों में हासिल करना चाहता हूं'। नवाज का कहना है कि 'यहां पर हमारी फिल्म इंडस्ट्री में, हम टैलेंट को ज्यादा तारीफें करके खत्म करते देते हैं। जितनी जल्दी माथे पर बिठाते हैं, उतनी जल्दी गिराते भी हैं'।
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बालीबुड इंडस्ट्री में हम लोग टैलेंट को तारीफों से खत्म कर देते हैं -नवाजुद्दीन बोले, लॉकडाउन में पता चला रीजनल में है टैलेंट की भरमार