पटना। चुनाव के बाद बिहार विधान सभा के नए सत्र का 23 नवंबर से आगाज हो रहा है। इस पांच दिवसीय सत्र में विपक्ष रोजी, रोजगार, भ्रष्टाचार, किसानों के मुद्दे समेत कई मोर्चे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में जुटा है। वहीं, सत्ता पक्ष संख्या बल के आधार पर विपक्ष को जवाब देने के लिए खास रणनीति बनाने में लगा है। नव निर्वाचित विधायकों के स्वागत के लिए विधानसभा को तैयार किया जा रहा है। कोरोना के खतरे को देखते हुए सत्र का आयोजन सेंट्रल हाल में किया जाएगा।
शुरू के दो दिन विधायकों की शपथ में गुजर जाएंगे। उसके बाद 25 नवंबर को नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। अगले दिन 26 नवंबर को राज्यपाल फागू चौहान दोनों सदनों के सदस्यों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे। सत्र के आखिरी दिन 27 नवंबर को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव एवं सरकार की ओर से उत्तर होगा। उसके बाद सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। कुछ ही सीटों के कारण सत्ता से चूक जाने वाला महागठबंधन इस बार संख्या बल के आधार पर बुलंद हौसले के साथ विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करने को तैयार दिख रहा है। विपक्षी नेताओं के तेवर सत्र के हंगामेदार होने के संकेत दे रहे हैं। सत्तारूढ़ दल के विधायकों की मानें तो विपक्ष को जवाब देने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से कारगर हथियार उनके पास मौजूद है।
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बिहार विधानसभा का सत्र 23 से, एक दूसरे पर भारी पड़ने की रणनीति बना रहा पक्ष-विपक्ष -शुरू के दो दिन विधायकों की शपथ, 25 को स्पीकर का चुनाव, 26 को राज्यपाल का संबोधन होगा