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अन्नपूर्णा पहाड़ी पर स्थित है पूर्णागिरी मंदिर 

अन्नपूर्णा पहाड़ी पर स्थित है पूर्णागिरी मंदिर 

उत्तराखंड के चम्पावत ज़िला में अन्नपूर्णा पहाड़ी पर 5500 फुट की ऊंचाई पर पूर्णागिरी मंदिर स्थित है, जिसे शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। ये मंदिर पूरे एक दशक पुरानी पहाड़ी पर स्थित है। मान्यता है कि यहां दक्ष प्रजापति की पुत्री और भगवान शंकर जी की अर्धांगिनी माता सती की नाभि का भाग गिरा था। यही कारण है कि इसे 108 शक्ति पीठों में से एक माना गया है।
देवी सती के इस पूर्णागिरी शक्ति पीठ के दर्शन करने प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है। इसके अलावा यहां हर साल एक मेले का आयोजन होता है, जो विशुवत संक्रांति से शुरू होकर चालीस दिनों तक चलता है। 
पौराणिक कथा के अनुसार जब भोलेनाथ हवन कुंड से देवी सती के शरीर को निकाल कर आकाश गंगा के मार्ग से जा रहे थे, तब श्री हरि ने शिव जी को शोक से निकालने के लिए अपने सुदर्शन चक्र से देवी की देह के टुकड़े कर दिए, जो पृथ्वी के अलग-अलग भाग में जा गिरे। मान्यता के अनुसार जहां-जहां देवी के शरीर के टुकड़े गिरे, वहीं-वहीं शक्तिपीठ स्थापित हुए। इन शक्ति पीठों की संख्या विभिन्न धर्म ग्रंथों में भिन्न-भिन्न बताई गई है।
 

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