-मूलभूत कर्तव्यों के प्रति नागरिकों को जागरूक करना संविधान दिवस का मूल उद्देश्य: योगी -अधिकार तभी अनुरक्षित हो सकते हैं जब समाज अपने मूल कर्तव्यों के प्रति सचेत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि संविधान में हर नागरिक को दिए गए अधिकार तभी सुरक्षित हो सकते हैं, जब समाज अपने मूल कर्तव्यों के प्रति सचेत होकर उनका निर्वहन करे। मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक समारोह में कहा, हममें से हर व्यक्ति अधिकारों की बात तो करता है, लेकिन कर्तव्यों से हम पीछे भागने का प्रयास करते हैं। भारत के संविधान ने हर नागरिक के लिए जहां मूलभूत अधिकार दिए हैं, वहीं कुछ बुनियादी कर्तव्य भी सुनिश्चित किए हैं और संविधान दिवस का मूल उद्देश्य भारत के उन संविधान प्रदत्त मूलभूत कर्तव्यों के प्रति हर नागरिक को जागरूक करना भी है।
योगी ने कहा, ये कर्तव्य हर हालात में किसी नागरिक के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं, जितना कि हमारा व्यक्तिगत जीवन और पारिवारिक जीवन है। एक भारत श्रेष्ठ भारत हमें अपने मौलिक अधिकारों के प्रति सजग करता है। अधिकार तभी अनुरक्षित हो सकते हैं जब समाज अपने मूल कर्तव्यों के प्रति सचेत होकर उनका निर्वहन करे। मुख्यमंत्री ने कहा संविधान दिवस हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम सब जानते हैं कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था, लेकिन इसे आज के दिन 1949 में संविधान सभा ने अंगीकृत किया था। हमारे संविधान की यही ताकत है कि दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत एक आदर्श बना हुआ है। योगी ने कहा, हमारा संविधान सम-विषम परिस्थितियों में देश को एकजुट होकर ले चलने की प्रेरणा प्रदान करता है। हर विपरीत से विपरीत हालात में भी संविधान ने जाति, मत, संप्रदाय, भाषाओं और खानपान की बहुलता होने के बावजूद ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार किया, यह सबसे बड़ी विशेषता रही है। उन्होंने कहा, हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आभारी हैं जिन्होंने स्वाधीनता के बाद घटी घटनाओं को वर्तमान पीढ़ी के जीवन में, उनकी याद में बनाए रखने के लिए संविधान को अंगीकृत किए जाने की वर्षगांठ को भी एक महत्वपूर्ण दिवस के रूप में देश के सामने पेश किया और 2015 से यह दिवस किसी न किसी रूप में हम सबके सामने आ रहा है। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री योगी, उपमुख्यमंत्रियों-केशव प्रसाद मौर्य और डॉक्टर दिनेश शर्मा समेत उनके कई मंत्रिमंडलीय सहयोगियों ने संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया।