हरिद्वार । अध्यात्म और आस्था की नगरी हरिद्वार में 30 नवंबर को होने वाले कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान को लेकर आज से दो दिन को सीमाएं सील रहेगी। बाहरी राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए 29 व 30 नवंबर को हरिद्वार की सीमाएं सील रहेंगी। जबकि कर्मकांड, रोगी वाहन व सरकारी बसों को इसमें छूट रहेगी। इसके साथ ही हरकी पैड़ी समेत आसपास के गंगा घाटों पर स्नान को प्रतिबंध लगा रहेगा।
बढ़ते कोरोना के केस को देखते हुए हरिद्वार में सख्ती बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने 30 नवंबर को होने वाले साल के आखिरी कार्तिक पूर्णिमा के गंगा स्नान को रद्द करने का फैसला लिया है। जबकि इससे पहले हुए गंगा स्नान में छूट दी गई थी। एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णा राज एस ने बताया कि स्नान को स्थगित करने के बाद 29 और 30 नवंबर को हरिद्वार की सीमाओं पर कड़ी चौकसी रहेगी। हरिद्वार आने वाले सभी यात्रियों को वापस लौटा दिया जाएगा। देहरादून जाने वालों को सीमा से डायवर्ट कर देहरादून भेजा जाएगा।
श्री गंगा सभा, होटल एसोसिएशन, व्यापारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक से मिलकर स्थानीय लोगों को हर की पैड़ी पर स्नान को छूट देने की मांग रखी थी। मंत्री ने मुख्य सचिव व जिलाधिकारी से फोन पर पैरवी की थी। लेकिन शनिवार शाम तक प्रशासन की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं निकला जिससे स्थानीय लोगों को हर की पैड़ी पर गंगा स्नान की अनुमति मिलती।
पुलिस ने उत्तराखंड की सीमा पर कार्तिक पूर्णिमा स्नान स्थगित होने के पोस्टर लगा दिए है। जिससे तीर्थयात्री सीमा प्रवेश न कर सके। इससे पहले कांवड़ मेला स्थगित को पोस्टर लगाए गए थे। पड़ताल के बाद ही आवश्यक कार्य वालों को ही सीमा पर अनुमति दी जाएगी। सरकारी बसों से आने वाले तीर्थयात्रियों पर भी पुलिस पैनी नजर रखेगी। सीमा पार भी मेला स्थगित के पोस्टर टस्पा कर दिए गए है। हरिद्वार जिले के लोगों को सीमा पर कोई परेशानी नहीं होगी।