मुंबई । बॉलीवुड की मुखर अभिनेत्री कंगना रनौत मामले में बॉम्बे उच्च न्यायालय से अपने खिलाफ आए फैसले के बावजूद बीएमसी मेयर किशोरी पेडणेकर हार मानने को तैयार नहीं हैं। इस मामले में कहां कमी रह गई, बीएमसी इसकी समीक्षा करेगी। सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती देना है या नहीं, इस विषय पर मेयर मंगलवार को विधि विशेषज्ञों के साथ बैठक करेगी। मेयर ने कहा कि हमने धारा 354ए के तहत अभिनेत्री को नोटिस दिया था।
मेयर ने कहा कि यह नोटिस पहली बार किसी को नहीं दिया गया है। मुंबई में कई लोगों को यह नोटिस दिया गया है, तब भी लोग इसी तरह कोर्ट गए थे और कोर्ट ने एमएमसी (मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन) कानून के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया था। सितंबर में बीएमसी ने कंगना रनौत के मुंबई स्थित ऑफिस में जमकर तोड़फोड़ की थी। कंगना ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बीएमसी के खिलाफ याचिका दी थी और मुआवजे की मांग की थी। अब कोर्ट ने इस मामले में कंगना के पक्ष में फैसला दिया है। कोर्ट का कहना है कि बीएमएसी ने खराब नीयत से यह कदम उठाया था और कंगना का दफ्तर गलत इरादे से तबाह किया गया। कोर्ट ने कहा कि यह नागरिकों के आधिकार के भी विरुद्ध था।
कोर्ट के फैसले का कंगना ने किया स्वागत-
कंगना को कितना मुआवजा दिया जाए इसके लिए कोर्ट ने एक वैल्युअर भी नियुक्त किया है। वह नुकसान का अनुमान लगाएगा इसके बाद मुआवजे की राशि तय की जाएगी। बता दें कि कंगना ने 2 करोड़ के मुआवजे की मांग की थी। कंगना ने ट्वीट करके इस फैसले का स्वागत किया है। कंगना ने लिखा है, जब कोई सरकार के खिलाफ खड़ा होता है औऱ जीतता है तो जीत उस इंसान की नहीं बल्कि लोकतंत्र की होती है। उन सभी का शुक्रिया जिन्होंने मुझे हौसला दिया, उनका भी शुक्रिया जो मेरे टूटे सपनों पर हंसे थे। आपके विलन बनने पर ही मैं हीरो बन सकी।
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अभिनेत्री कंगना रनौत मामले में कोर्ट के फैसले से असहमत बीएमसी हार मानने को तैयार नहीं