चंडीगढ़ । हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा है कि दिल्ली में किसान आंदोलन में सभी लोग किसानों के हकों की लड़ाई लडऩे आए हैं। उन्होंने कहा जो कोई भी भिंडरांवाले या किसी धर्म विशेष की बात करता पाया गया, उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने किसान संघर्ष में शामिल युवाओं से अपील की कि जो भी ऐसी बात दिखे उसे मौके पर ही सबक सिखा दिया जाए।
इससे पहले पंजाब में एक स्थान पर रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठे किसानों के बैनर के साथ भिंडरांवाले का पोस्टर लगा पाया गया था। भिंडरांवाले की विचारधारा के समर्थकों की सूबे में कोई कमी नहीं है। सिख्स फॉर जस्टिस संगठन भी है, जिसका मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू अमरीका में रहकर लंबे समय से खालिस्तान और रैफरेंडम-2020 की मुहिम चला रहा है। केंद्र सरकार ने गत वर्ष सिख्स फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध लगा दिया था जबकि उसके द्वारा गूगल प्ले पर रैफरैंडम-2020 के नाम पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाली एप गूगल ने हटा दी थी। फेसबुक उसका पेज 2015 में ही हटा चुका है।
उसे अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवकों को हथियार उठाने के लिए बढ़ावा देने के आरोप में आतंकवदी भी घोषित किया जा चुका है। उसकी सक्रियता में कमी नहीं आई, अभी भी उसकी रिकार्ड की गई कॉल रोजाना लोगों को देश की संप्रभुता के खिलाफ भड़काने के लिए उनके फोन पर आती रहती हैं।
भारत में प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस ने किसान आंदोलन के लिए आर्थिक मदद का ऐलान किया है। संगठन ने ऐलान किया है कि किसी भी तरह के नुकसान का भुगतान 24 घंटे में किया जाएगा। इससे पहले खुफिया एजैंसियों की राडार पर रहने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने भी किसानों के समर्थन का ऐलान किया था। शाहीन बाग आंदोलन को उग्र करने में अहम भूमिका निभाने वाले इस संगठन के चेयरमैन ने आह्वान किया है कि जनता को इकट्ठा होकर फासीवादी ताकतों के खिलाफ आगे आना चाहिए।
रीजनल नार्थ
जो भिंडरावाले की बात करता दिखे उसे मौके पर ही सबक सिखाओ : चंढूनी