वॉशिंगटन । आने वाले हफ्ते में 6 गुना ज्यादा चमकदार होने वाला धूमकेतु इरेस्मस सूरज का चक्कर काटने में 1900 साल लगाता है। यह अभी हल्क-हल्का आसमान में दिखने लगा है लेकिन जैसे-जैसे इरेस्मस सूरज के करीब जाएगा, इसकी चमक बढ़ती जाएगी और 6 गुना ज्यादा हो जाएगी। अंतरिक्ष विज्ञानियों का अनुमान है कि यह सबसे ज्यादा चमकीला 12 दिसंबर को होगा जब मरकरी की कक्षा में दाखिल होगा और सूरज के सबसे करीब होगा। इसके बाद यह बाहर की ओर निकलेगा। फिर यह दो हजार साल बाद ही नजर आएगा।
ऐस्ट्रोनॉमी साइट स्पेस वेदर के मुताबिक अगर वीनस दिख गया तो धूमकेतु को भी देखा जा सकेगा। नीचे की ओर दक्षिणपूर्व में सूरज उदय होने से पहले इसे ढूंढें तो हाईड्रा तारामंडल शुक्र के दायीं ओर देखा जा सकेगा। इसके पास ही चमकीला सितारा स्पाईका है और उसके जरिए भी इरेस्मस को ढूंढा जा सकेगा।
इस धूमकेतु को 21 सितंबर को दक्षिण अफ्रीकी ऐस्ट्रोनॉमर निकोलस इरैस्मस ने खोजा था। उन्हीं के नाम पर इसका नाम रखा गया है। ऐस्ट्रोनॉमर जेराल्ड रेमन ने 20 नवंबर को इसकी तस्वीर ली थी जिसमें यह खूबसूरत हरे रंग का दिख रहा था। रेमन ने कहा था कि इसकी पूंछ बेहतरीन है। इसे सिंगल फील्ड व्यू में कैप्चर भी नहीं किया जा सका। वहीं, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि रोशनी के कारण इसे देखने में आम लोगों से लेकर ऐस्ट्रोनॉमर्स तक को दिक्कत होगी।
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सूरज का चक्कर काटने में 1900 साल लगाता है यह धूमकेतु