नई दिल्ली । मोदी सरकार के द्वारा लाए नए कृषि कानूनों के विरोध में सड़क पर उतरे किसान झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों की नाराजगी को देकर बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की चिंता बढ़ गई है। किसान आंदोलन इसी रफ्तार से आगे बढ़ता हैं, कि हरियाणा में जेजेपी के सहयोग से चल रही खट्टर सरकार की परेशानी बढ़ सकती है। हरियाणा में एक निर्दलीय विधायक ने बीजेपी सरकार से समर्थन भी वापस ले लिया है। वहीं जेजेपी ने भी किसानों की समस्या का जल्द समाधान करने की मांग रख दी है।
किसान आंदोलन को हरियाणा के कांग्रेस नेता हवा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला सहित तमाम नेता किसान आंदोलन के पक्ष में खड़े हैं। केंद्र की मोदी सरकार से लेकर हरियाणा की खट्टर सरकार तक पर हमला बोल रहे हैं।वहीं हरियाणा की खाप पंचायत भी किसानों के समर्थन में खड़ी हो गई है, इसके बाद दुष्यंत चौटाला के साथ-साथ जेजेपी के विधायक और सरकार को समर्थन करने वाले निर्दलीय विधायकों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।
बीजेपी की दिक्कत यह है कि हरियाणा में खट्टर सरकार जेजेपी की बैसाखी पर टिकी है। इसके बाद हरियाणा में खट्टर सरकार के समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने अपना सहयोग वापस ले लिया। साथ ही उन्होंने पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया है। निर्दलीय विधायक के इस्तीफा देने के बाद जेजेपी के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। इसकारण जेजेपी ने किसानों की मांग का समर्थन करते हुए नए कानूनों में एमएसपी जारी रखने का लिखित आश्वासन देने की मांग उठा दी है।
जेजेपी के अध्यक्ष अजय चौटाला ने कहा कि मोदी सरकार को किसानों की समस्या का जल्द से जल्द हल निकालना चाहिए। किसानों की मांग के अनुरूप कृषि कानूनों में एमएसपी को शामिल करना चाहिए। देश के अन्नदाता सड़कों पर परेशान हो रहे हैं। इसके बाद सरकार को अपना दिल बड़ा करते हुए किसानों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए और उन्हें एमएसपी का लिखित में आश्वासन देना चाहिए ताकि उनकी चिंताएं दूर हों.
रीजनल नार्थ
अगर लंबा खींचा किसान आंदोलन तब हरियाणा में खटटर सरकार की बढ़ जाएगी टेंशन