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 अंडरग्राउंड पालिका बाजार का कारोबार दीपावली के बाद 50 फीसदी पिट गया 

 अंडरग्राउंड पालिका बाजार का कारोबार दीपावली के बाद 50 फीसदी पिट गया 

नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के दिल के नाम प्रसिद्ध कनॉट प्लेस स्थित अंडरग्राउंड पालिका बाजार का कारोबार दीपावली के बाद पिटने लगा है। त्योहारी सीजन के बाद दिल्ली में अचानक बढ़े कोरोना मामले, मौतों की संख्या और बाजारों के बंद होने की अफवाहों की वजह से मार्केट पर बुरा असर पड़ा है। अब किसान आंदोलन की वजह से ग्राहकों ने खरीदारी पर अंकुश लगा दिया है। इस वजह से बाजार के दुकानदार इस बात के प्रति सशंकित हो गए हैं कि कहीं लॉकडाउन वाली स्थिति फिर से न हो जाए। पालिका बाजार शॉपकीपर्स वेलफेयर एसोसिएशन (पीबीएसडब्ल्यूए) के चेयरमैन बलजीत सिंह कोहली ने बताया कि दीपावली से पहले बिजनेस 70 से 75 प्रतिशत तक बढ़ गया था। लॉकडाउन के बाद जो मायूसी दुकानदारों में थी, वह दीपावली से पहले काफी हद तक कम हुई। मगर बाद में जिस तरह दिल्ली में कोविड-19 के मामले बढ़ने की खबर आग की तरह फैली, उससे दुकानदारों समेत ग्राहकों में भी दहशत हो गई है। इस बीच दिल्ली सरकार ने भी कुछ दुकानों और मार्केट को बंद करने की अनुमति केंद्र सरकार से मांगी।
बाजार बंद होने की अफवाह फैलने के बाद कारोबारियों को लगा कि फिर से लॉकडाउन लग जाएगा, तो मुसीबत हो जाएगी। इसलिए, दुकानदारों ने माल भरना कम कर दिया। इस बीच, बाजार तो करीब 50 प्रतिशत पिट ही गया, अब बमुश्किल 35-40 प्रतिशत ही बिजनेस हो रहा है। अब तो ट्रेडर्स को भी वैक्सीन का इंतजार है। उसी के आने के बाद बाजारों में थोड़ी स्थिरता आएगी। दिसंबर में क्रिसमस और नए साल के मौके पर लोगों में उत्साह होता है। उम्मीद है कि दिल्ली में कोरोना केस घटते हैं, तो बाजार महीने के आखिर में उठेगा। पालिका बाजार समेत सभी मार्केट में सीजनल सामान बेचने वालों को ज्यादा नुकसान हुआ है। बलजीत ने बताया कि मार्च में दुकानदारों ने गर्मियों का सामान शॉप में भरा। फिर लॉकडाउन लग गया। अनलॉक के कई चरणों तक ग्राहकों ने बाजार में आने से परेहज किया। काफी माल बिक भी नहीं सका। गर्मियों का माल किसी तरह उधर-उधर एडजस्ट कर सर्दियों का माल भरा, तो दिल्ली में कोरोना केस फिर से बढ़ गए और किसानों का आंदोलन शुरु हो गया। ग्राहक फिर से कम हो गए। व्यापारियों पर तो चौतरफा मार पड़ रही है। दुकानदारों पर किराया, घर खर्च, बिजली, फोन, इंटरनेट, स्कूल फीस, कर्मचारियों का वेतन, ट्रैवल समेत कई तरह के खर्चे हैं, जिसे पूरा करना मुश्किल हो रहा है।
पालिका बाजार की सुंदरता बढ़ाने पर एसोसिएशन काम कर रही है। इसके लिए एनडीएमसी (एनडीएमसी) से बात हो रही है। जल्द मार्केट में पिलर पर स्टील के फ्रेम और नई सीटों का प्रबंध हो जाएगा। आने वाले दिनों में जब ग्राहक बाजार में आएंगे, तो उन्हें और ज्यादा अच्छा महसूस होगा। पीबीएसडब्ल्यूए के प्रेसिडेंट दर्शन लाल कक्कड़ का कहना है कि धीरे-धीरे पालिका बाजार का कारोबार पटरी पर आ रहा था। फेस्टिवल सीजन में तो अच्छी सेल हुई। अभी मार्केट में फुटफाल थोड़ी कम हुई है। उनका कहना है कि अभी यहां समस्या बाजार के बाहर लगने वाली पटरी से है। मार्केट के गेट नंबर 1, 2 और 7 मेट्रो स्टेशन के सामने पड़ता है। वहां पटरी वाले अवैध ढंग से माल बेचते हैं। उनकी वजह से सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं हो पाता है। इनके उपर एनडीएमसी के अधिकारियों को एक्शन लेना चाहिए।
 

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