मुंबई, । बीजेपी को महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है. राज्य की स्नातक और शिक्षक इलाकों की 6 में से 4 सीटों पर सत्ताधारी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन ने बाजी मारी है. बीजेपी को सिर्फ धुले-नंदुरबार से एक सीट (उपचुनाव) पर जीत मिली है. खास बात ये है कि विधान परिषद चुनावों में बीजेपी के हाथों से उसका गढ़ नागपुर भी निकल गया है. चुनावों में हार को स्वीकार करते हुए बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'महाराष्ट्र विधानपरिषद चुनाव के परिणाम हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं हैं. हम ज्यादा सीटों की उम्मीद कर रहे थे जबकि सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली है. हमसे तीनों पार्टियों (महाविकास आघाड़ी) की सम्मिलित ताकत को आंकने में चूक हुई.' अगली बार हम ये देखेंगे कि हमसे कहां चूक हुई. हमारे पास मतदाताओं के पंजीकरण में कमी थी.
- बीजेपी के हाथ से निकला नागपुर सीट
बीजेपी के लिए ये करारी हार इसलिए भी कही जा रही है, क्योंकि वो अपने गढ़ नागपुर में हार गई. इन चुनावों को महाविकास आघाड़ी और बीजेपी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा था. नागपुर स्नातक सीट का जाना बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि पिछले 5 दशकों से यह बीजेपी और आरएसएस का गढ़ रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पिता गंगाधरराव फडणवीस 12 साल इस सीट से प्रतिनिधि रहे. वहीं बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का इस सीट पर 25 साल दबदबा रहा. गडकरी 1989 में पहली बार इस क्षेत्र से जीते थे और 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले चार बार जीत दर्ज की थी.
रीजनल वेस्ट
महाराष्ट्र विधानपरिषद चुनाव में बीजेपी को लगा बड़ा झटका, 6 में से सिर्फ 1 पर मिली जीत