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दिल्ली में कांग्रेस का सबसे भरोसेमंद चेहरा शीला दीक्षित!

दिल्ली में कांग्रेस का सबसे भरोसेमंद चेहरा शीला दीक्षित!

राजधानी दिल्ली में कांग्रेस का सबसे भरोसेमंद चेहरा शीला दीक्षित है। तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला पार्टी द्वारा दी गई तमाम जिम्मेदारियों में खरी उतरती रही हैं। यही कारण है कि लोकसभा चुनावों से सिर्फ 4 महीने पहले पार्टी ने उन्हें फिर से दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद का जिम्मा सौंपा। फिलहाल वे उत्तर पूर्वी दिल्ली से पार्टी की उम्मीदवार भी हैं। शीला दीक्षित का नाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शामिल है। वह पार्टी की ऐसी नेता हैं जिनकी छवि आम लोगों के बीच भी उतनी ही दमदार है, जितनी ही वे अपने सहयोगियों के बीच लोकप्रिय हैं। दिल्ली में उन्हें कुशल प्रशासक के तौर पर देखा जाता है। 2013 के विधानसभा चुनावों में उनकी हार के बाद आज भी दिल्ली के लोग शीला दीक्षित के समय में हुए विकास कार्यो को याद करते हैं। वर्ष 1984 से 89 में शीला दीक्षित को सबसे पहले यूपी के कन्नौज से सांसद चुना गया था। उस समय वह केंद्र सरकार में मंत्री भी रहीं। पहले उन्हें संसदीय कार्यों की राज्य मंत्री बनाया गया। फिर वह प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री रहीं।
- दिल्ली पर छोड़ी अपूर्व छाप
1998 में कांग्रेस ने शीला दीक्षित को पहली बार दिल्ली का कांग्रेस अध्यक्ष बनाया। इसके बाद हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भारी सफलता मिली। उन्होंने पंद्रह वर्ष तक मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली पर शासन किया। लगातार पंद्रह सालों तक सीएम रहने वाली देश की पहली महिला नेता भी बनीं। अपने शासन के दौरान सार्वजनिक परिवहन को सीएनजी आधारित करने, फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर उन्हें याद किया जाता है।
- अन्ना आंदोलन के बाद गई गद्दी
अन्ना आंदोलन के बाद हुए वर्ष 2013 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्हें केरल की राज्यपाल बनाया गया। दिल्ली में कांग्रेस संगठन की बुरी हालत को देखते हुए पार्टी ने इसी वर्ष उन पर दोबारा भरोसा जताया और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष बनाया। 
- निजी जीवन
31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में जन्म 
दिल्ली के कान्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से शुरुआती शिक्षा
स्नातक और कला स्नातकोत्तर की शिक्षा मिरांडा हाउस से 
पति स्वर्गीय विनोद दीक्षित भारतीय प्रशासनिक सेवा के सदस्य रहे 
- सियासी सफर
1984 में यूपी के कन्नौज से पहली बार सांसद बनीं। 1984 से 1989 तक केन्द्रीय मंत्री भी रहीं।
1998 में पार्टी ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया। इस वर्ष विस चुनावों में कांग्रेस को भारी सफलता मिली। 
1998 से लेकर 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। कुशल प्रशासक के तौर पर अपूर्व छाप छोड़ी।
11 मार्च 2014 को केरल की राज्यपाल नियुक्त। हालांकि, अगस्त 2014 में ही इस्तीफा दिया
2019 में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त, उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से पार्टी की उम्मीदवार

- सोशल प्रोफाइल
83,600 फॉलोअर्स ट्विटर पर  
2013 से ट्विटर पर सक्रिय  

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