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बाबरी ढांचा गिराने की 28वीं बरसी आज, राम जन्मभूमि जाने वाले सभी मार्ग बंद किए

बाबरी ढांचा गिराने की 28वीं बरसी आज, राम जन्मभूमि जाने वाले सभी मार्ग बंद किए

अयोध्या । यूपी में रामलला की नगरी अयोध्या में बाबरी के विवादित ढांचा ध्वस्त कि जाने की आज 6 दिसंबर को 28वीं बरसी है। जिसके चलते यहां सुरक्षा को चाक चौबंद किया गया हैं। इतना ही नहीं राम जन्मभूमि को जाने वाले सभी मार्गों को बंद कर दिया गया है। आने जाने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ हो रही है। पुलिस अधीक्षक (नगर) विजय पाल सिंह ने जानकारी देते बताया कि उन्होंने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में बाबरी ढांचा की 28वीं बरसी पर अयोध्या की सुरक्षा चाक-चौबंद करते के साथ सतर्कता बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में प्रतिदिन लगे पुलिस बल के अलावा 6 दिसम्बर को अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है जिसमें पीएसी की कई कम्पनी लगाई गई है।
उन्होंने बताया कि जिले के चारों तरफ लगे बैरियर सघन चेकिंग के बाद ही जिले में प्रवेश दिया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि अयोध्या में चारों तरफ लगे बैरियर पर भी चेकिंग करने के उपरान्त ही किसी को प्रवेश दिया जा रहा है। सिंह के मुताबिक सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं। श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहे मंदिर के आसपास भी अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर, कनक भवन मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है क्योंकि अयोध्या में आतंकी घटनाओं की आशंका हमेशा बनी रहती है।
पुलिस अधीक्षक नगर ने बताया कि रविवार को किसी भी संगठन ने कोई कार्यक्रम करने का आवेदन नहीं दिया है और न ही कोई कार्यक्रम मुस्लिम समाज की तरफ से और न ही हिन्दू संगठन की तरफ से आया है इसलिए अयोध्या शांत है। उन्होंने बताया कि 6 दिसम्बर को लेकर केवल सुरक्षा व्यवस्था की सतर्कता बढ़ा दी गई है। इस बीच आल इंडिया मुस्लिम लीग और इंडियन मुस्लिम समाज ने बाबरी मस्जिद के 28वीं बरसी पर सभी मुस्लिम समाज के लोग व्यक्तिगत तौर से मस्जिदों व घरों में बाजू पर काली पट्टी बांधकर शोक प्रकट करेंगे। मुस्लिम मजलिस के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद नदीम सिद्दीकी और इंडियन मुस्लिम समाज के हाजी मोहम्मद इस्माईल अंसारी ने कहा है कि देश के संविधान व लोकतंत्र, न्यायपालिका की सर्वोच्चता को कुचलते हुए 6 दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद शहीद कर दिया था।
कल काला दिवस व शोक दिवस के तौर पर मनाया जाएगा तथा देश के अमन पसंद संविधान व न्यायालय की सर्वोत्तम निष्पक्षता में विश्वास रखने वालों से यह भी अपील की गई है कि कोविड-19 के गाइड लाइन का पालन करते हुए इस दिवस में सामूहिक तौर से व व्यक्तिगत तौर से मस्जिदों एवं घरों में बाजू पर काली पट्टी बांधकर शोक प्रकट करें जिससे देश में संविधान व लोकतंत्र को बहाल करने में मजबूती मिल सके। इंडियन मुस्लिम समाज के जिलाध्यक्ष हाजी मोहम्मद ईस्माइल अंसारी ने जारी बयान में कहा है कि छह दिसम्बर को मलिकशाह मस्जिद में जो प्रोग्राम होता था, उसे भी कैंसिल कर दिया गया है। अब सिर्फ यतीमखाने के बच्चे कुरान पढ़ेंगे और उसका सवाब शहीदों की रूह को पहुंचाया जायेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस बीमारी से सारे इंसानों को निजात मिल जाए। जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मुल्क में अमन-शांति व तरक्की के लिए दुआ भी की जाएगी। 
 

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