बाड़मेर । राजस्थान के पश्चिमी इलाके पर भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर जिले में एक बार फिर धर्म परिवर्तन का बड़ा मामला उजागर हुआ है। यहां दलित समाज के दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया है। इसके लिये बकायदा बड़े समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में बौद्ध भिक्षुओं ने शिरकत की। विधि-विधान से दलित समाज के लोगों ने बौद्ध धर्म को अपनाया। आयोजन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुये। जिले में पिछले दिनों में धर्म परिवर्तन की कई खबरें सामने आ चुकी हैं।
धर्म परिवर्तन का यह मामला बाड़मेर जिला मुख्यालय से जुड़ा है। यहां पर समता सैनिक दल और भारतीय बौद्ध महासभा की तरफ से आयोजित समारोह में दलित समाज के 27 लोगों ने हिन्दू धर्म से नाता तोड़ते हुए बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया। इनमें बाड़मेर के रामसर और पिलानी गांव के दो परिवारों ने तो अपने पूरे सदस्यों के साथ बौद्ध धर्म को अपनाया है। इनकी दीक्षा के लिए बड़े समारोह का आयोजन किया गया। इसमें बौद्ध भिक्षुओं के गुरु ने शिरकत की। बाबा साहेब अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर आयोजित इस समारोह में उनको भगवान बुद्ध के बताए नियमों और बातों का अनुसरण करने की प्रतिज्ञा दिलवाई गई। आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की।
समता सैनिक दल के जिलाध्यक्ष अमित धनदे ने बताया कि हिन्दू धर्म से बौद्ध धर्म को अंगीकार करने वाले सभी लोग दलित समुदाय से हैं। ये सभी लोग जिले के अलग अलग गांवों के रहने वाले हैं। इन लोगों का आरोप है कि वे हिन्दू धर्म की वर्ण व्यवस्था से कुंठित हैं। इसी वजह से वे अपने मूल धर्म से बौद्ध धर्म के साथ भगवान बुद्ध के बताए नियमों को अंगीकार कर रहे हैं। धर्म परिवर्तन के इस आयोजन के बाद हर तरफ इसकी चर्चा हो रही है।
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बाड़मेर में दलित समाज के 27 लोगों ने हिन्दू धर्म छोड़कर अपनाया बौद्ध धर्म