पटना । राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कृषि कानून के विरोध में बुलाए गए भारत बंद को अपना समर्थन दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने कृषि बिल को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। वैशाली में एक विवाह समारोह में शामिल होने आए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नए कृषि कानून छोटे किसानों के लिए घातक साबित होंगे और पूंजीपतियों और उद्योगपतियों को इसका लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को लेकर अभी तक अपना पक्ष स्पष्ट तौर पर नहीं रखा है, ऐसे में इसका विरोध होना लाजमी है। उन्होंने कहा कि आगामी 8 दिसंबर को उनकी पार्टी रालोसपा भी कृषि बिल के विरोध में आहूत भारत बंद का समर्थन करते हुए सक्रिय रूप से शामिल होगी। उपेंद्र कुशवाहा ने भारत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जिस तरह से हरियाणा-पंजाब के किसान कृषि बिल के विरोध में सरकार को घेर रखा है, यदि सरकार नहीं चेती दो धीरे-धीरे यह आंदोलन देशभर में फैल जाएगा।
उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कृषि बिल को तुरंत वापस लेने की मांग की है। इससे पहले बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस बिल के विरोध में पटना में धरना-प्रदर्शन किया था। बिहार में भी इन कानूनों का खासा विरोध हो रहा है। मालूम हो कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 8 दिसंबर को बंद बुलाया है। किसान संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तो वे आंदोलन तेज करेंगे और दिल्ली पहुंचने वाली और सड़कें बंद कर देंगे।
किसानों के भारत बंद और आंदोलन को विपक्षी के ज्यादातर दलों का समर्थन मिल रहा है। रालोसपा से पहले शिवसेना, कांग्रेस, आप, टीआरएस समेत एनडीए से बाहर के ज्यादातर दल अपना समर्थन किसानों को दे चुके हैं। किसानों के समर्थन में रविवार को 11 दलों ने बयान भी जारी किया है। तमाम विपक्षी दल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एनसी, आरजेडी, एनसीपी, डीएमके, एआईएफबी, आरएसपी, सीपीआई, सीपीआईएम, सीपीआईएमएल, पीएजीडी शामिल है। विपक्षी पार्टियों ने बयान जारी करते हुए कहा है कि वे किसानों के साथ खड़े हैं और संगठन को मजबूत करने के लिए भारत बंद का समर्थन करते हैं।
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छोटे किसानों के लिए घातक साबित होंगे नए कृषि कानून, पूंजीपतियों को मिलेगा लाभ : कुशवाहा