भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12 सत्र के प्रचार-प्रसार और विज्ञापन के लिए के 50 करोड़ रुपये खर्च किये। वहीं पिछले सत्र में भी उसने इतनी ही रकम प्रचार के लिए रखी थी। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने प्रचार संबंधी गतिविधियों पर कहा कि टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले और नॉकआउट दौर के दौरान जागरूकता फैलाना इसका मकसद है। उन्होंने कहा, ‘यह आमरतौर पर दो चरण में किया जाता है। 80 फीसदी टूर्नमेंट के पहले महीने में और बाकी प्लेऑफ से पहले। अखबारों में विज्ञापन और सड़क की साइड में होर्डिंग इसी प्रक्रिया का हिस्सा है।’ वहीं लीग का औपचारिक प्रसारणकर्ता स्टार स्पोटर्स लगातार लीग का प्रचार-प्रसार कर रहा है। बीसीसीआई के अनुसार विज्ञापनों में उसका लक्ष्य छोटे शहरों तक अपनी पहुंच बनाना है।