नई दिल्ली । हिंदी साहित्य के जाने-माने साहित्यकार मंगलेश डबराल का बुधवार शाम हृदय गति रुकने निधन हो गया। दिल्ली एम्स में पिछले कई दिनों से उनका इलाज चल रहा था। वह 72 वर्ष के थे। उनका जन्म 16 मई, 1948 को टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड के काफलपानी गांव में हुआ था। एम्स में मेडिसिन के डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे। उनको निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ थी। करीब 12 दिन पहले उन्होंने एम्स भर्ती कराया था।
जनसंस्कृति मंच से जुड़े और उनके नजदीकी रहे संजय जोशी ने बताया, वह पिछले कुछ दिनों से गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे और हालत बिगड़ने के बाद उन्हें उपचार के लिए एम्स में भर्ती कराया था। मूल रूप से उत्तराखंड के निवासी डबराल जनसंस्कृति मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। अपनी कविताओं, गद्य और अनुवाद के कारण साहित्य जगत में विशेष पहचान बनाने वाले साहित्य अकादमी से पुरस्कृत इस साहित्यकार के निधन पर लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
वर्ष 2000 में इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। उनके परिवार में पत्नी संयुक्ता, बेटा मोहित तथा बेटी अल्मा हैं। मंगलेश डबराल (16 मई, 1948 - 09 दिसम्बर, 2020) समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नाम थे। उनकी शिक्षा-दीक्षा देहरादून में हुई। दिल्ली में उन्होंने विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में काम किया। उनकी कविताओं के भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, रूसी, जर्मन, डच, स्पेनिश, पुर्तगाली, इतालवी, फ्रांसीसी, पोलिश और बुल्गारियाई भाषाओं में भी अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं। कविता के अतिरिक्त वे साहित्य, सिनेमा, संचार माध्यम और संस्कृति के विषयों पर नियमित लेखन करते थे।
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साहित्यकार मंगलेश डबराल का निधन, दिल्ली एम्स में चल रहा था इलाज