नई दिल्ली। बीएसएनएल ने आज कहा कि वह भारत में दुनिया का पहला सैटेलाइट आधारित नैरोबैंड-आईओटी नेटवर्क लॉन्च करेगा। कंपनी ने इसके लिए स्काइलोटेक इंडिया के साथ साझेदारी की है। कंपनी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन के तहत इस सेवा की शुरुआत मछुआरे, किसान, विनिर्माण, खनन और लॉजिस्टिक क्षेत्री की कंपनियों के साथ होगी। इस सॉल्यूशन के साथ भारत में अब तक लाखों असंबद्ध मशीनों, सेंसर और औद्योगिक आईओटी उपकरणों के लिए कनेक्टिविटी के व्यापक तंत्र तक पहुंच होगी। इस “मेड इन इंडिया” सॉल्यूशन को भारत में ही स्काइलो द्वारा विकसित किया है जो कि बीएसएनएल के सैटेलाइट, जमीन पर मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर (टॉवर आदि) के जरिए लोगों को कनेक्ट करेगा।
यह सुविधा पूरे भारत में मिलने के साथ-साथ ही भारतीय समुद्री क्षेत्र में भी मिलेगी। इसके कवरेज का दायरा इतना बड़ा है कि भारत की सीमा में किसी भी क्षेत्र में कनेक्टिविटी की समस्या नहीं रह जाएगी। यानी कश्मीर और लद्दाख से कन्याकुमारी तक, गुजरात से पूर्वोत्तर भारत तक और भारतीय समुद्री क्षेत्र में यह सेवा मिलेगी।
बीएसएनएल के सीएमडी पी.के.पुरवार के अनुसार “नई तकनीक, बीएसएनएल के उस विजन की पहल है जिसमें इनोवेटिव टेलीकॉम सेवाओं को अफोर्डेबल रूप से सभी तरह के ग्राहकों तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा “स्काइलो अपने क्रिटिकल डाटा के जरिए, लॉजिस्टिक सेक्टर को 2021 में कोविड-19 के टीके को बेहतर तरीके से वितरण करने में मदद करेगा जो कि राष्ट्र की सेवा में अहम योगदान होगा।
स्काइलो के सीईओ और को-फाउंडर पार्थसारथी त्रिवेदी ने कहा “सैकड़ों वर्ष से कृषि, रेलवे और मत्स्य उद्योग ऑफलाइन परिचालन कर रही हैं और उसे आज तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईओटी तकनीक का बेहतर फायदा नहीं मिला है। यह दुनिया की पहली सैटेलाइट आधरित एनबी-आईओटी नेटवर्क है। इस तकनीकी को मुझे भारत के लिए लॉन्च करते हुए गर्व महसूस हो रहा है। यह तकनीकी लोगों के जीवन और घरेलू उद्योगों को बेहतर करने में मदद करेगी।
बीएसएनएल बोर्ड के डायरेक्टर (सीएफए) विवेकबंजल ने कहा “बीएसएनएल और स्काइलो ने भारत में सफलतापूर्वक पीओसी की है। हम इस सुविधा को सभी वर्गों तक 2021 से पहले ले जाने के लिए जल्द पहल करेंगे। यह महत्वपूर्ण घोषणा बहुत सही समय पर हुई है। क्योंकि भारतीय मोबाइल कांग्रेस 2020 में आयोजित होने वाली है। यह नई तकनीक, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम और नीति आयोग के उस योजना को सहयोग करती है, जिसके जरिए भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आईओटी कनेक्टिविटी पहुंचाई है। इस तकनीक की सफलता के उदाहरण पहले से परख लिए हैं। भारतीय रेलवे, मछली पकड़ने वाले जहाज और दूसरे जरूरी वाहनो में इसका इस्तेमाल परीक्षण के दौरान किया है।
साइंस & टेक्नोलॉजी
भारत में दुनिया का पहला सैटेलाइट आधारित नैरोबैंड-आईओटी नेटवर्क पेश करेगा