अहमदाबाद | लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने जिस तरह देश की आजादी के बाद 562 देशी रियासतों का भारत में विलीनीकरण कर एक और अखंड राष्ट्र का निर्माण किया था, उसकी गौरवशाली स्मृति और इतिहास को आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित तरीके से सहेजकर रखने के लिए नर्मदा जिले के केवड़िया में स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में इस इतिहास का साक्षात्कार कराने वाले एक भव्य म्यूजियम के निर्माण का मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सैद्धांतिक निर्णय किया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को गांधीनगर में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में विजय रूपाणी ने यह सैद्धांतिक निर्णय किया। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि गुजरात के सपूत सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत की आजादी के बाद अखंड राष्ट्र के संकल्प के साथ छोटी-बड़ी 562 रियासतों के साथ विभिन्न स्तर पर चर्चा, परामर्श और बैठक आदि कर भारत में उनके विलीनीकरण की सफलता प्राप्त की जिसके फलस्वरूप आज भारत पूरे विश्व में एक और अखंड राष्ट्र के रूप में जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवड़िया में दुनिया की सबसे ऊंची सरदार प्रतिमा और अन्य पर्यटन आकर्षणों को देखने के लिए आने वाले दुनियाभर के पर्यटकों के समक्ष भारत वर्ष के देशी रजवाड़ों की भव्यता तथा देश की अखंडता व एकता के लिए उनके द्वारा किए गए त्याग की भावना के साथ सरदार साहेब के प्रबल पुरुषार्थ की परिणामकारी गाथा को यह भव्य म्यूजियम उजागर करेगा। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि आजादी के बाद भारतीय संघ में विलीनीकरण को लेकर रियासतों द्वारा सरदार साहेब की उपस्थिति में विलय-पत्र पर किए गए हस्ताक्षर के दस्तावेज, उस समय की तस्वीरें, राजाओं के शस्त्र-असलहे और भेंट-सौगातों की झांकी सहित तमाम ऐतिहासिक जानकारियों को प्रत्येक राज्य का एक अलग विभाग बनाकर इस म्यूजियम में प्रस्तुत किया जाए। देश के 562 रजवाड़ों की भव्य विरासत, आभूषण, कला-कारीगरी की चीजों तथा उनके राज्य की अमूल्य वस्तुएं, संपत्ति, किले व महलों सहित भव्य धरोहर की झांकी भी इस म्यूजियम में प्रदर्शित की जाएगी। अत्याधुनिक थ्रीडी मैपिंग प्रोजेक्शन, होलोग्राफी, ऑगमेंटेड रियलिटी तथा ऑडियो-वीडियो कंट्रोल लाइट सिस्टम के आकर्षण भी इस संग्रहालय में शामिल होंगे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव और स्टेच्यू ऑफ यूनिटी परिसर के प्रभारी डॉ. राजीव कुमार गुप्ता, सांस्कृतिक गतिविधि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सीवी सोम, संग्रहालय निदेशक सहित कई अधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने बैठक में सुझाव दिया कि भारत के अलग-अलग राज्यों में स्थित छोटे-बड़े राज परिवारों (रॉयल फैमिली) का इस उद्देश्य से संपर्क कर उनके संबंधित राज्यों की समृद्ध विरासत को भी इस म्यूजियम में दर्शाया जाए। इस म्यूजियम के निर्माण के लिए स्टेच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में उचित स्थल पर जमीन आवंटित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति भी इस बैठक में दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के शिल्पकार सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से सरदार सरोवर बांध के निकट केवड़िया में हुआ है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी परिसर आने वाले देश और दुनिया के सैलानियों को भारत के भव्य इतिहास से अवगत कराने के उद्देश्य से यूनिटी वॉल और एक भारत-श्रेष्ठ भारत भवन जैसे राष्ट्रभाव को उजागर करने वाले कई आकर्षण अभी वहां हैं ही। अब, सारी 562 देसी रियासतों के भारत में विलीनीकरण की भव्य गाथा और विरासत तथा स्वराज के महात्मा गांधी और सरदार साहेब के सपने को सुराज में साकार करने की यात्रा में यह ऐतिहासिक म्यूजियम अध्येताओं, संशोधकों तथा पर्यटकों के लिए एक नया नजराना साबित होगा।
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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में बनेगा रजवाडों का संग्रहालय