YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

आर्टिकल

जीवन है एक नदिया, सुख दुख दो किनारे है 

जीवन है एक नदिया, सुख दुख दो किनारे है 

जीवन है एक नदिया, सुख दुख दो किनारे है
कहीं पे बडे नगर है, कहीं गॉव बेचारे है
छूती हैं इसकी लहरें, कहीं लहराते खेतो को  
कहीं है उजाड़ तट जो, दुख दर्द के मारे है

कहीं धन कुबेर कुछ जो, ऐश्वर्य में रहते है
कुछ ऐसे भी हैं जिनके कहीं कोई न सहारे है
थोडे है सरोवर वे, जिनमे कमल खिलते है
पर ऐसे कई है जो, किस्मत से भी हारे है

कुछ भाग्यवान जिनके, घर चांद चमकता नित
पर कई हैं दिखते ऐसे, जिनके गर्दिश में सितारे हैं
दुनिया विदग्ध उनको ही लगती बहुत प्यारी
जिनने हंसी खुशी में दिन अपने गुजारे हैं
 
पर लाखो है ऐसे भी, जीवन है जिनका सूना
हैं पेट उनके खाली, तन नंगे उघारे हैं
(लेखक -प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव विदग्ध)

Related Posts