गरमी के मौसम में पानी की कमी होने से कई बार संक्रमित पानी भी आ जाता है जिससे टाइफाइड पफैलने की आशंक रहती है। टाइफाइड एक ऐसा बुखार होता है जो एक निश्चित समय के लिए होता है यह किसी संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से दूषित वायु और जल से होता है। टाइफाइड से पीड़ित बच्चे में प्रतिदिन बुखार होता है, जो हर दिन कम होने की बजाय बढ़ता रहता है। बच्चों में टाइफाइड बुखार संक्रमित खाद्य पदार्थ और संक्रमित पानी से होता है। इससे बच्चा कमजोर होने लगता है।
हर तीन महीने पर जलवायु बदल जाती है, जिसके कारण मच्छर आदि की संख्या बढ़ जाती है, और रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है। ऐसे में हर साल तक़रीबन 2 लाख से ज्यादा लोग टाइफाइड की बीमारी के कारण जान गवाते है। टाइफाइड की बीमारी मैं लिवर ठीक तरह से काम नही करता जिसकी वजह से शरीर में बुखार हो जाता है और पुरे शरीर में दर्द होने लगता है। अगर सही समय पर ध्यान ने दिया जाये तो टाइफाइड जानलेवा भी हो सकता है। समय के अंदर इसका इलाज ने किया जाये तो बच्चे की जान तक जा सकती है।
बच्चों में टाइफाइड के लक्षण
टाइफाइड के लक्षणों को पहचान जायें तो समय से बच्चे का सही इलाज किया जा सकता है।
टाइफाइड से पीड़ित बच्चे में प्रतिदिन बुखार होता है, जो हर दिन कम होने की बजाय बढ़ता रहता है।
अत्यधिक कमज़ोरी और थकान महसूस होना।
सिर में दर्द होना।
पेट में दर्द और भूख न लगना।
छाती पर गुलाबी निशान होना।
दस्त आना।
लिवर का बढ़ जाना।
पेट में अल्सर की संभावना।
सूखी खाँसी आना।
जीभ पर मोटी परत जम जाना। इन लक्षणों के नजर आने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाएं और इलाज करायें।
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बच्चों को टाइफाइड से बचायें