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कांग्रेस नहीं भाजपा मुक्त हो गया भारत - जावेद अख्तर

कांग्रेस नहीं भाजपा मुक्त हो गया भारत - जावेद अख्तर

फिल्मी गीतकार जावेद अख्तर ने एनडीटीवी से चर्चा करते हुए कहा कि आजादी के बाद भारत में पहला चुनाव हो रहा है। जो देश को नई दिशा देगा। उन्होंने कहा राष्ट्रवाद के नाम पर जो डर फैलाया गया है उससे पूरा मुल्क,आम नागरिक और राजनीतिक पार्टियां भी डरी हुई हैं। उन्होंने कहा मोदी और शाह भी डरे हुए हैं, आपातकाल में जिस तरह का सन्नाटा था, वही सन्नाटा वर्तमान में देखने को मिल रहा है।
भाजपा मुक्त भारत
जावेद अख्तर ने एनडीटीवी में रवीश कुमार को जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह कांग्रेस मुक्त भारत बनाना चाहते थे। किंतु चुनाव आते-आते तक, अब भाजपा मुक्त भारत हो गया है। क्योंकि इस चुनाव में मोदी के नाम पर वोट मांगा जा रहा है। भाजपा पूरी तरह परिदृश्य से बाहर हो गई है। कांग्रेस जरूर परिदृश्य में बनी हुई है। अब जनता सांसद नहीं, मोदी के नाम पर वोट डाल रही है।
डरकर प्रज्ञा सिंह को चुनाव मैदान में उतारा
जावेद अख्तर ने कहा कि मोदी और शाह भी डरे हुए हैं। तभी भोपाल संसदीय क्षेत्र से साध्वी प्रज्ञा सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। उन्होंने कहा कि कट्टरवादी हिंदू की छवि लेकर प्रज्ञा सिंह चुनाव मैदान में उतरी हैं। उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ने बाबरी मस्जिद का गुंबज चढ़कर तोड़ा, उमा भारती उस समय नीचे खड़े हुई थी। राष्ट्रीयता और हिंदुत्व के नाम पर ध्रुवीकरण प्रज्ञा सिंह करा सकती हैं, भय के कारण भाजपा को उन्हें चुनाव मैदान में उतारना पड़ा। भाजपा के लोग भी इसे पसंद नहीं कर रहे हैं। सारी दुनिया में भारत की कट्टरवादी हिंदू छवि इससे बनी है।
अकेली प्रज्ञा सिंह के साथ जुल्म नहीं 
जावेद अख्तर ने रवीश को जवाब देते हुए कहा कि भारत में हजारों ऐसे लोग हैं। जो कई वर्षों तक जेल में रहे, पुलिस प्रताड़ना का शिकार रहे। किंतु साध्वी प्रज्ञा जिस तरह से भोपाल संसदीय क्षेत्र में अपनी प्रताड़ना को लेकर चुनाव मैदान में उतरी हैं, इसे आम जनता पसंद नहीं कर रही है। प्रज्ञा अपनी प्रताड़ना का प्रचार कर चुनाव जीतने का प्रयास कर रही हैं।
डरा हुआ मतदाता दिखाता है कमाल
जावेद अख्तर ने आपातकाल के दिनों को याद करते हुए कहा उस समय इमरजेंसी को अच्छा कहने वाले करोड़ों लोग थे। इमरजेंसी के दौरान सभी लोगों में भय व्याप्त था। मतदान केंद्र में जाकर उनका भय और डर बाहर निकला। जिसके कारण कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा। मतदान के पहले तक मतदाता खामोश था। आम जनता चुनाव के माध्यम से देश की नई दिशा और दशा तय करेगी।

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