शिमला । आज विश्वभर में सभी कोरोना के संकट से गुज़र रहे हैं। हिमाचल भी इससे अछूता नहीं रहा है। प्रदेश में राज्य सरकार के सतत प्रयास रंग ला रहे हैं। कोरोना के दौरान उत्पन्न मानसिक दबाव के उचित प्रबंधन के फलस्वरूप रोगियों का मनोबल बढ़ रहा है। इस सबकी पृष्ठभूमि में है एक लक्ष्य, दृढ़ संकल्प और ईमानदार मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में राज्य सरकार के सशक्त प्रयास। कोरोना वायरस से लड़ रहे मरीजों का मनोबल तब और बढ़ा जब उन्हें मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन के माध्यम से व्यक्तिगत तौर पर फोन कर उनका कुशल क्षेम पूछा गया और सरकार व प्रत्येक हिमाचलवासी उनके साथ हंै, यह कह कर, मुसीबत की घड़ी में निःसंकोच सम्पर्क करने का आग्रह भी किया गया। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन द्वारा कोविड-19 मरीजों को फोन काॅल किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर कोरोना के मरीजों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं। वह हर समय मरीजों को प्रदान की जा रही चिकित्सा सुविधाओं और उनके उचित प्रबन्धन के लिए प्रयासरत रहते हैं। गत रविवार को जय राम ठाकुर ने प्रदेश में 27 कोविड-19 मरीजों को व्यक्तिगत रूप से फोन कर उनसे संवाद किया तथा उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने मरीजों को प्रदान की जा रही विभिन्न सुविधाओं का फीडबैक भी लिया।
मुख्यमंत्री कोरोना महामारी के नियंत्रण और बचाव उपायों को लेकर निरन्तर दृढ़ प्रयास कर रहे हैं। वह हर सप्ताह सभी जिलों के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद कर कोरोना के उचित प्रबन्धन तथा अन्य विषयों की समीक्षा कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हैं। सात दिनों के दौरान मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के कर्मचारियों द्वारा 1253 कोविड-19 मरीजों को फोन काॅल किए गए, इन मरीजों में से 29.6 प्रतिशत महिलाएं और 70.4 प्रतिशत पुरूष हैं।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन द्वारा अभी तक जिन मरीजों से फोन पर संपर्क किया गया है, उनमें सेवानिवृत कर्मचारी, निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी, व्यवसायी, गृहिणी, किसान, सरकारी कर्मचारी और अन्य लोग सम्मिलित हैं। इनमें से 14.5 प्रतिशत मरीजों ने बताया कि उन्होंने संक्रमण के 14 दिन पहले कोई यात्रा की थी, जबकि 85.5 प्रतिशत मरीजों ने बताया कि उन्होंने इस अवधि के दौरान कोई यात्रा नहीं की थी। 29.2 प्रतिशत मरीजों ने बताया कि वे संक्रमण के 14 दिनों में अपने परिवार के सदस्य या किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, जिनमें कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई, जबकि 70.8 प्रतिशत मरीज संक्रमण के 14 दिनों में ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए, जिनमें कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई हो।इनमें से 52.6 प्रतिशत मरीजों ने बताया कि संक्रमण के 14 दिन पहले वे सार्वजनिक स्थानों पर गए थे। 2.1 प्रतिशत मरीज दाह संस्कार, 13.4 प्रतिशत मरीज विवाह, 3.7 प्रतिशत कहीं नहीं गए और 27.6 प्रतिशत मरीज संक्रमण के 14 दिन पहले बाजार गए थे।मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से जिन कोविड मरीजों से संवाद किया गया, वह प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं से संतुष्ट हैं और उन्हें समयबद्ध दवाई व चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। संवाद के दौरान इन मरीजों ने गांवों में लोगों को कोरोना से सुरक्षा के उपायों के बारे में और अधिक जागरूक करने और मास्क का सही उपयोग नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का आग्रह भी किया।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के कर्मचारी कोविड मरीजों से फोन पर सम्पर्क कर उनका उत्साह बढ़ाने और उन्हें प्रेरित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। यदि मरीजांे को किसी तरह की समस्या है तो वह उसे भी जानने और हल करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं।मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोकने और प्रदेश के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को कोविड वार्ड के निरंतर निरीक्षण करने और कोरोना पाॅजीटिव रोगियों को मुफ्त चिकित्सा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।प्रदेश सरकार ने 15 दिसम्बर, 2020 तक राज्य में किसी भी तरह के राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है। लोगों को सार्वजनिक स्थलों पर परस्पर दूरी बनाए रखने और फेस मास्क के उपयोग का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। सरकार ने इस वायरस की चेन को तोड़ने के लिए सभी सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में लोगों की संख्या 50 तक सीमित की है।कोविड मरीजों का मनोबल बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से उन्हें काॅल करना प्रदेश सरकार द्वारा किया गया एक सार्थक प्रयास है। यह प्रदेश के लोगों के प्रति मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के स्नेह और उनकी विशिष्ट कार्यशैली को भी प्रदर्शित करता है।
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कोरोना के दौरान उत्पन्न मानसिक दबाव के उचित प्रबंधन के फलस्वरूप रोगियों का मनोबल बढ़ रहा