भोपाल । नए कृषि कानून का एक ओर विरोध हो रहा है तो दूसरी ओर किसानों को इससे बड़ा फायदा भी हो रहा है।
हाल ही में प्रदेश में दो मामलों में नए कृषि कानून ने किसानों की बड़ी मदद की है। पहला मामला प्रदेश के डबरा क्षेत्र का है, जहां प्रशासन किसानों की कमाई लेकर भागे व्यापारी की संपत्ति कुर्क कर उन्हें पैसा लौटाएगा। वहीं दूसरा मामला बालाघाट का है जहां किसानों का पैसा न देने पर राइस मिलर पर मामला दर्ज होगा। इसी तरह होशंगाबाद जिले में पिपरिया एसडीएम ने नए कृषि कानून के तहत कंपनी को किसानों से अनुबंध के आधार पर धान खरीदने का आदेश दिया था। इसके पहले कंपनी ने अनुबंध पर तय किए गए दाम के मुताबिक खरीदी नहीं कर रही थी, जिसके बाद किसान अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे और 24 घंटे के अंदर ही उन्हें न्याय मिला। प्राप्त जानकारी के अनुसार, डबरा क्षेत्र में किसानों की उपज का 40 लाख रुपये भुगतान नहीं करके भाग गए एक व्यापारी की संपत्ति कुर्क होगी। ग्वालियर जिला प्रशासन कुर्क संपत्ति से किसानों का पैसा वापस दिलाएगा। नए कृषि कानून के तहत ग्वालियर में प्रशासन की यह पहली कार्रवाई है। एसडीएम अश्वनी रावत ने इसे लेकर बोर्ड गठित किया था। बोर्ड ने रविवार को संपत्ति कुर्क करने का निर्णय लिया है। किसानों ने सात दिसंबर को बेलगढ़ा थाने में एफआइआर कराई थी, जिसके बाद व्यापारी की लोकेशन गुजरात में मिली। पुलिस टीम उसे गिरफ्तार करने रवाना हो गई है। ग्वालियर के बेलगड़ा थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम बाजना के 18 किसानों से कारोबारी बलराम परिहार पुत्र मंगाराम ने धान खरीदी थी। किसानों को 40 लाख रुपये भुगतान करना था, लेकिन व्यापारी दो दिसंबर 2020 को अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर गांव से फरार हो गया। व्यापारी ने कई किसानों से कुछ नगदी रुपये भी कारोबार के नाम पर लिए थे। किसानों ने व्यापारी पर यह आरोप भी लगाया है कि वह चिटफंड का काम भी करता था। उधर बालाघाट जिले के लांजी क्षेत्र के किसानों से धान की फसल खरीद कर घोटी स्थित पलक राइस मिल द्वारा अब तक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। किसानों ने इसकी शिकायत अनुविभागीय दंडाधिकारी लांजी को करते हुए नए कृषि कानून (कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन व सरलीकरण अधिनियम 2020) के तहत कार्रवाई करने का आवेदन दिया था। इसकी खबर अखबारों में प्रकाशित हुई तो सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बालाघाट कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि अब तक किसान धनराज, भारत बाहे, कृष्ण पांचे, कोमेश्वर बाहे, जितेंद्र दांदरे, लवकुश यादव और युवराज दांदरे को पलक राइस मिल के प्रोप्राइटर अतुल आसटकर ने बेचे गए धान के मूल्य का भुगतान नहीं किया है। मामले में जल्द कार्रवाई की जाएगी।
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किसानों का पैसा लेकर भागे व्यापारी की संपत्ति होगी कुर्क नए कृषि कानून से किसानों को हो रहा फायदा