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अखरोट खाने से अस्थमा का खतरा होता है कम 

अखरोट खाने से अस्थमा का खतरा होता है कम 

अखरोट खाने से अस्थमा होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह कहा गया है कि अखरोट में भरपूर मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है, जो अस्थमा के अटैक से बचाने में काफी कारगार साबित होता है।
अखरोट, मूंगफली, सोयाबीन, कोर्न, तिल आदि में गामा-टोकोफ़ेरॉल नाम का विटामिन ई पाया जाता है। जो शरीर को अस्थमा से बचाने में मदद करता है।
अध्ययन के अनुसार जो लोग अपने आहार में विटामिन ई का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं उनमें अस्थमा और एलर्जी से होने वाली बीमारियों का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है।
साथ ही शोधकर्ताओं ने यह भी बताया है कि विटामिन ई उन्ही कोशिकाओं पर सबसे ज्यादा असरदार होता है, जो अस्थमा के इलाज के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। 
अध्ययन के दौरान लोगों को 2 टीम में बांटा गया।  जिसमें 2 हफ्तों तक एक टीम को गामा-टोकोफ़ेरॉल नाम का विटामिन ई दिया गया, जबकि दूसरी टीम को प्लेसबो दिया गया।  परिणामें में विटामिन ई लेने वाले लोगों में इओसिनोफिलिक बीमारी के लक्षण बहुत कम देखे गए हैं। साथ ही विटामिन ई के सेवन से शरीर में म्यूसिन नाम के प्रोटीन का स्तर भी काफी कम पाया गया है। बता दें कि म्यूसिन शरीर में बलगम बनाने का काम करता है, जो अस्थमा के मरीजों के लिए काफी नुकसानदायक होता है।
सेब, टमाटर खाने से फेफड़े रहेंगे ठीक 
सेब, टमाटर खाने से फेफड़े ठीक रहते हैं। धूम्रपान से हुआ नुकसान भी इससे ठीक होता है। खासतौर से सेबों खाने से फेफड़ों को हुए नुकसान की भरपाई हो जाती है। हाल ही में एक अध्ययन में ये बात सामने आई हैं। अध्ययन के अनुसार जो लोग धूम्रपान छोड़ देते हैं और टमाटर और फलों का ज्यादा सेवन करते हैं, उनमें 10 साल की अवधि में फेफड़ों की कार्यप्रणाली में गिरावट कम होती है।
कमजोर फेफड़ों के कारण व्यक्ति की मौत की संभावना बढ़ जाती है, जो कि क्रोनिक ऑबस्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजिज (सीओपीडी), हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर के कारण होती है। प्रमुख शोधार्थी जॉन हापकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की असिस्टेंट प्रोफेसर वानेशा गारेसिया-लार्सन ने कहा कि इस शोध से पता चलता है कि यह आहार उन लोगों में फेफड़ों की क्षति की मरम्मत में मदद कर सकता है जिन्होंने धूम्रपान बंद कर दिया है। इससे यह भी पता चलता है कि फलयुक्त आहार फेफड़ों की प्राकृतिक बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है भले ही आप कभी धूम्रपान न करते हों या धूम्रपान करना छोड़ चुके हों। 
 

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