मुंबई, । मध्य रेल ने वर्ष 2019-20 की रेल मंत्री की प्रतिष्ठित पर्यावरण और स्वच्छता शील्ड जीती है। यह शील्ड एनर्जी कंजम्पशन, फ्यूल कंजम्पशन, एनर्जी ऑडिट्स, वाटर मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, एनवायरनमेंट मैनेजमेंट सर्टिफिकेशन, वनीकरण और अन्य एनवायरनमेंट से संबंधित कार्य के क्षेत्र में हुई प्रगति को ध्यान में रखते हुए दी गई है। संजीव मित्तल, महाप्रबंधक, मध्य रेल ने प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर, मध्य रेल ए के गुप्ता और सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है। मध्य रेल ने सभी क्षेत्रों में बहुत सी पहल की हैं और अक्षय ऊर्जा संयंत्रों, स्वच्छता अभियान, एनजीटी के निर्देशों और क्लीनर ट्रेनों और स्टेशनों के अनुपालन में महान प्रगति की है। जल संरक्षण के लिए मध्य रेल में 128 स्थानों पर वर्षा जल संचयन किया जाता है, 13 कृत्रिम तालाब बनाए गए हैं, पुराने जल निकायों को रिचार्ज किया गया है और पुनर्चक्रित पानी का उपयोग प्लेटफॉर्म धोने और बागवानी के लिए किया जाता है। मध्य रेल के विभिन्न स्थानों पर 20 खाद संयंत्र लगाए गए हैं। कुल 6.74 लाख पौधे साइड ट्रैक और 194 हेक्टेयर क्षेत्र को मुक्त भूमि के साथ लगाए गए थे। घने जंगल भुसावल, सोलापुर और चिन्कहिल में बनाए गए हैं। मध्य रेल ने विभिन्न स्टेशनों पर बेहतर रोशनी के लिए सौर स्ट्रीट लाइट, सौर पेड़, सौर छतरी और सोलर रूफ टॉप पैनेलिंग, सोलर वाटर कूलर, सोलर 3 एचपी पंप और सोलर ट्यूब भी लगाए हैं। मध्य रेल में, सभी स्टेशनों, सेवा भवनों और कोचों में 100 प्रतिशत एलईडी लाइट फिटिंग का काम पूरा हो गया है। विभिन्न स्टेशनों पर 60 प्लास्टिक बॉटल क्रशिंग मशीनें स्थापित हैं। 21 एच वी एल एस फेन सीएसएमटी स्टेशन पर लगाए गए हैं। मध्य रेल 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने वाले भारतीय रेल में गति प्रदान कर रहा है। दक्षिण मध्य रेल और मॉर्डन कोच फैक्ट्री के साथ संयुक्त रूप से इस शील्ड की जीत से आने वाले दिनों में हरित पर्यावरण हेतु अधिक पहल के लिए शॉट इन आर्म होगा।
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मध्य रेल ने रेल मंत्री की प्रतिष्ठित पर्यावरण और स्वच्छता शील्ड जीती