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 मीनाक्षी लेखी ने कहा, झूठ बोलकर माफी मांगने का रिकॉर्ड कायम कर चुके सीएम केजरीवाल 

 मीनाक्षी लेखी ने कहा, झूठ बोलकर माफी मांगने का रिकॉर्ड कायम कर चुके सीएम केजरीवाल 

नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं लोक सभा सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर झूठ की राजनीति का आरोप लगाते हुए करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 2015 से 2020 तक 300 करोड़ रुपये इश्तिहारों  पर खर्च किये पर अपने खुद के नगर निगमों को देने के लिए वे केंद्र सरकार को गुहार लगाते हैं।  श्रीमती लेखी ने कहा कि झूठ बोलकर माफी मांगने का रिकॉर्ड कायम कर चुके अरविंद केजरीवाल यू - टर्न मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित हो रहे हैं। हर मुद्दे पर झूठ बोलना और दिल्ली की जनता की समस्याओं से भागना केजरीवाल की आदत बन गई है। वे हर दिन एक नये झूठ के साथ सामने आते हैं लेकिन उनका झूठ जल्द ही बेनकाब भी हो जाता है। दिल्ली की जनता से जुड़ी समस्याओं से उनका कोई लेना-देना नहीं है। दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल के झूठ को समझ गई है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को मीडिया में अपना चेहरा चमकाने की भूख है। उनके पास हर दिन नए विज्ञापन के लिए करोड़ों रुपये हैं लेकिन दिल्ली के तीनों नगर निगमों का बकाया भुगतान के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम का बकाया कोई भाजपा या केजरीवाल का पैसा नहीं है, ये तो दिल्ली की गरीब जनता का पैसा है लेकिन केजरीवाल झूठ बोल कर शायद इस पैसे को हड़प जाना चाहते हैं। 
लोक सभा सांसद ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल में इतना नैतिक साहस नहीं है कि वह जमीन पर सच का सामना करें, इसलिए वे नगर निगमों को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि विगत 11 दिनों से दिल्ली के तीनों नगर निगम कर्मचारियों के वेतन के लिए बकाये के 13,000 करोड़ रुपये की मांग को लेकर कड़ाके की ठंड में भी धरना दे रहे हैं लेकिन केजरीवाल के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं लड़ रही बल्कि दिल्लीवासियों की सुविधा और निगम कर्मचारियों के अधिकारों के लिए लड़ रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार निगमों को अपंग करने की कोशिश कर दिल्ली की जनता के साथ विश्वासघात कर रही है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली नगर निगम की बकाया राशि का भुगतान जल्द करे क्योंकि यदि नगर निगम का काम रुका तो दिल्ली की जनता केजरीवाल सरकार को कभी माफ़ नहीं करेगी।
ज्ञात हो कि देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर दिल्ली नगर निगम के 13 हजार करोड़ रूपये के फंड को रोके जाने के विरोध में भारतीय जनता पार्टी धरना-प्रदर्शन कर रही है। साथ ही साथ निगम के कर्मचारी भी प्रदर्शन कर रहे हैं। 11 दिन से तीनों नगर निगमों के मेयर फंड की मांग को लेकर कड़ाके की ठंड में धरने पर हैं। इसके बाद भी न तो अरविन्द केजरीवाल उनसे मिलने आए और न ही दिल्ली सरकार का कोई मंत्री इस मुद्दे पर बात करना चाहता है। 
श्रीमती लेखी ने कहा कि एमसीडी के 13 हजार करोड़ का बकाया अरविंद केजरीवाल सरकार नहीं दे रही है फंड नहीं मिलने की वजह से एमसीडी के कर्मचारियों का वेतन रुका हुआ है। निगम के कर्मचारियों के वेतन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री कुंडली मारकर बैठे हैं। नगर निगमों के महापौर के धरने का दिल्ली के सभी सातों सांसदों के साथ-साथ निगम की 50 से अधिक कर्मचारी यूनियन ने भी समर्थन किया है। निगमोंं की कमजोर आर्थिक स्थिति को लेकर तीनों महापौर ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिख चुके हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले डॉक्टर, नर्स, अन्य स्वास्थकर्मी, सफाई कर्मचारी, डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) सहित अन्य कर्मचारियों ने जान जोखिम में डालकर दिल्लीवासियों की सेवा की है। सरकार इन कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले योद्धाओं को वेतन नहीं दे रही है। हाई  कोर्ट की फटकार के बावजूद त्यौहारों के समय भी केजरीवाल सरकार ने नगर निगमों का बकाया नहीं दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वयं स्वीकार किया था कि दिल्ली सरकार को नगर निगमों का 13 हजार करोड़ रुपये बकाया देना है। पहले के मुकाबले में एक साल में दिल्ली सरकार को सवा सौ करोड़ ज्यादा राजस्व मिला है फिर भी निगमों का बकाया बजट जारी नहीं किया जा रहा है। नगर निगम एक्ट के तहत दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है कि जरूरत पड़ने पर वह तीनों नगर निगमों की वित्तीय सहायता करें। इसके विपरीत दिल्ली सरकार निगमों को वित्तीय रूप से पंगु बनाने में लगी हुई है। केजरीवाल सरकार साजिश के तहत निगमों का फंड रोककर सफाई कर्मचारियों, डॉक्टरों, नर्सों आदि को सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर करना चाहती है, ताकि दिल्ली में अराजकता का माहौल पैदा हो। अगर सफाईकर्मी हड़ताल पर गए, तो पहले से ही कोरोना से जूझ रही दिल्ली में हालात और खराब हो जाएंगे और इसके लिए पूरी तरह केजरीवाल सरकार ही जिम्मेदार होगी।

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