रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद अचानक से उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के इरादों में फिर से बदलाव दिख रहा है। पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात के बाद किम जोंग ने हथियारों के परीक्षण का सिलसिला रोक दिया था, लेकिन पुतिन से सफल वार्ता के बाद अचानक से उत्तर कोरिया ने घातक हथियारों का परीक्षण दोबारा से शुरू कर दिया है। उत्तर कोरिया ने किम जोंग-उन की निगरानी में लंबी दूरी वाले अनेक रॉकेट लॉन्चर्स और सामरिक हथियारों का परीक्षण किया है। यह अभ्यास शनिवार को किया गया। उत्तर कोरिया ने प्रक्षेपास्त्रों का भी परीक्षण किया जो एक वर्ष से अधिक समय में प्योंगयोंग द्वारा प्रक्षेपित पहली छोटी दूरी वाली मिसाइल हो सकती है। प्योंगयोंग की इस कार्रवाई से लगता होता है कि वह लंबित पड़ी परमाणु वार्ता को लेकर वॉशिंगटन पर दबाव बनाना चाहता है।
बताया जा रहा है कि इस अभ्यास का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्र और पूर्वी मोर्चे पर लंबी दूरी वाले रॉकेट लान्चरों और सामरिक हथियारों की काम करने की क्षमता एवं हमला करने की सटीकता का अनुमान लगाना था। उसने कहा कि यह अभ्यास पूर्वी समुद्र में किया गया, जिसे जापान का सागर भी कहा जाता है। 27 अप्रैल को पुतिन से मुलाकात के बाद देश लौटते ही किम जोंग ने पूर्वी सागर में कम दूरी तक मार करने वाली कई मिसाइलों का प्रक्षेपण किया। जेसीएस ने कहा कि अज्ञात मिसाइलों को सुबह 9.06 और 9.27 बजे के बीच उत्तर कोरिया के पूर्वी तट से लगे होदो प्रायद्वीप के वोनसन के पास से प्रक्षेपित किया गया। यह परीक्षण ऐसे समय किया गया है जब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर बातचीत कर रहा है।
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किम जोंग के इरादे फिर बदलते नजर आए - उत्तर कोरिया के नेता ने फिर से शुरू किया मिसाइलों का परीक्षण