नई दिल्ली । उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं ने मैदानी इलाकों को भी कंपकंपाना शुरू कर दिया है। राजस्थान के माउंट आबू में बर्फ जमी। यहां माइनस 1.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। चूरू में पारा माइनस 0.1 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। उधर, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। देश के सबसे ज्यादा ठंडे 40 शहरों में मध्य प्रदेश के 5 शहर शामिल हैं। बिहार के 26 जिलों में शीतलहर का अलर्ट है। श्रीनगर में भी कल सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा।
मौसम विभाग की रविवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल में लगातार दूसरे न्यूनतम तापमान 7 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया गया है। रविवार की रात पारा 6.8 रहा। शनिवार को पारा 6.6 डिग्री था। हालांकि राजधानी में सुबह से धूप खिली हुई है और मौसम साफ है। ऐसे में दिन का तापमान बढऩे की संभावना है। प्रदेश में सबसे सर्द रात उमरिया में रही है, यहां पर पारा 3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं प्रदेश के 31 शहरों में पारा 10 डिग्री के नीचे दर्ज किया गया। जबकि 9 शहरों में न्यूनतम तापमान में 3-5 डिग्री के बीच दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के मुताबिक, ग्वालियर, चंबल, शहडोल संभाग के जिलों, रीवा, सतना, सागर और छतरपुर जिले शीतलहर की चपेट में हैं। वहीं ग्वालियर, दतिया, भिंड, रीवा, उमरिया और छतरपुर जिलों में कहीं-कहीं पर पाला पड़ सकता है। मौसम ने लगातार दूसरे दिन प्रदेश में ठंड का यलो अलर्ट जारी किया है। इसमें सर्दी से बचाव की एडवाइजरी भी जारी की गई है।
उत्तर भारत में हाड़ कंपाने वाली ठंड
उत्तर भारत में हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। लगातार तीन दिन से हवा का रुख उत्तरी बना रहने से प्रदेश के कुछ हिस्सों में रात का पारा तीन डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। आसमान साफ होने के कारण धूप से दिन में तो कुछ राहत मिलती है, लेकिन शाम ढलते ही सर्द हवाओं के कारण सिहरन बढऩे लगती है। रात के समय सड़कों पर सन्नाटा हो जाता है। शाम ढलते ही जगह-जगह अलाव जलाकर लोग ठंड से बचते नजर आ रहे हैं।
अभी एक-दो दिन बना रहेगा ठंड का तेवर
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि अभी एक-दो दिन यानि रविवार-सोमवार को भी ठंड के तेवर तीखे बने रहेंगे। इसके बाद दक्षिण और पश्चिमी मध्य प्रदेश में हवा का रुख पूर्वी और उत्तर-पूर्वी होने से तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी, लेकिन पूर्वी मप्र में ठंड के तेवर बने रहेंगे। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढऩे पर विदर्भ में बना सिस्टम समाप्त हो जाएगा। इसके बाद एक बार फिर तापमान में गिरावट शुरू होने की संभावना है।