नई दिल्ली । लंबे समय तक आंदोलन में मजबूती से डटे रहने के किसान ने नया फॉर्मूला अपनाया है। अलग अलग जिले और गांवों से किसानों का समूह 10-15 दिनों के लिए दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं। इससे आंदोलन के साथ साथ जरूरी काम भी आसानी से पूरे हो रहे हैं। जत्थे में पहुंचने वाले किसानों के साथ खाने पीने के जरूरी सामान भी ट्रैक्टर ट्रॉली में लाए जा रहे हैं।इससे कम खर्च में अधिक से अधिक लोगों का समर्थन भी जुट रहा है। लंबे समय के संघर्ष के लिए तैयार किसानों के पास राशन, कंबल, गर्म कपड़ों के अलावा सभी बुनियादी सुविधाएं भी जरूरत के मुताबिक सीमाओं पर तैयार कर ली गई हैं।;
एक किसान नेता का कहना है कि 27 नवंबर को ट्रैक्टर ट्रॉली से 15 किसानों के साथ पहुंचे। अब समूह में साथ आए सभी समर्थक लौट रहे हैं। लेकिन वहां से ट्रैक्टरों में इतने ही किसान रवाना हो चुके हैं। उनके पहुंचने के साथ ही सुबह तक घर के लिए लौटेंगे। पंजाब के अलग अलग जिलों से किसानों का जत्था, आंदोलन में 10-15 दिन के शिफ्ट में शामिल हो रहे हैं।
रीजनल नार्थ
आंदोलन में 10-15 दिन के शिफ्ट में शामिल हो रहे किसान