अहमदाबाद । गुजरात के स्वास्थ्य विभाग ने कुछ कोविड-19 रोगियों के 'म्यूकरमाइकोसिस से संक्रमित होने के बाद डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों को परामर्श जारी किया, जिसमें इस एक प्रकार का गंभीर तथा दुर्लभ फंगल संक्रमण बताया गया है,इसमें मृत्यु होने की कुल दर 50 प्रतिशत है। परामर्श के अनुसार, 'म्यूकरमाइकोसिस' कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले और विभिन्न रोगों से ग्रस्त लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि अहमदाबाद और राजकोट में कुछ कोरोना पीड़ितों के 'म्यूकरमाइकोसिस' से संक्रमित होने के बाद परामर्श जारी किया गया है। यह एक ''गंभीर और दुर्लभ संक्रमण है।''
विभाग ने कहा कि हवा में मौजूद फंगल के कण शरीर में जाकर आमतौर पर साइनस (नाड़ी) या फेफड़ों को प्रभावित करते हैं। परामर्श में कहा कि यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग के परामर्श में कहा गया है कि इसमें मृत्यु होने की कुल दर 50 प्रतिशत है। इसे जल्द पहचानने और इलाज कराने से बेहतर नतीजे सामने आ सकते हैं। परामर्श में कहा गया है कि मधुमेह और कैंसर पीड़ितों, अंग प्रतिरोपण, स्टेम सेल प्रतिरोपण कराने वाले या ऐसे लोगों के इसकी चपेट में आने का बहुत अधिक खतरा है, जिनके शरीर में आयरन की मात्रा काफी ज्यादा है। विभाग ने स्पष्ट किया कि म्यूकरमाइकोसिस' मनुष्य से मनुष्य या इंसानों से जानवरों के बीच नहीं फैल सकता। विभाग ने कहा कि लोग पर्यावरण में मौजूद फंगल कणों के संपर्क में आकर 'म्यूकरमाइकोसिस' का शिकार बनते हैं।'
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कोरोना संक्रमितों में दिख रहा गंभीर फंगल संक्रमण, गुजरात सरकार ने परामर्श जारी किया