नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने का केन्द्र, राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग को निर्देश देने के लिये उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। याचिका में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रतिद्वन्दियों और कथित राजनीतिक कार्यकर्ताओं की कथित हत्याओं की केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने सहित कई राहत देने का अनुरोध न्यायालय से किया गया है। इस याचिका में गृह मंत्रालय, पश्चिम बंगाल सरकार, निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, सीबीआई और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पक्षकार बनाया गया है।
याचिका में कहा गया है कि राज्य में लगातार नागरिकों के मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों का हनन हो रहा है और इन घटनाओं में राजय सरकार और उसकी पुलिस के शामिल होने के आरोप लग रहे हैं। मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों के हनन के बावजूद इनकी रोकथाम के लिये राज्य सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है, जबकि कानून व्यवस्था बनाये रखना और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना उसका कर्तव्य है। याचिका में हाल ही में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर राज्य में हुये हमले का जिक्र करते हुये भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सुरक्षा प्रदान करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का केन्द्रीय गृह मंत्रालय और राज्य के पुलिस महानिदेशक को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। यह याचिका अधिवक्ता पुनीत कुमार ढांडा ने दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पश्चिम बंगाल में नागरिकों के जीने और व्यक्तिगत आजादी के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है।
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पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र और निष्पक्ष विधानसभा चुनाव के लिये जनहित याचिका -नागरिकों के जीने और व्यक्तिगत आजादी के मौलिक अधिकारों का हनन होने का आरोप